दो अमेरिकी एयरबेस पर ईरान ने किया हमला, तनाव बढ़ने के आसार

11:58 am Jan 08, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

ईरान ने इराक़ में मौजूद दो अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया है। ईरान की ओर से एक दर्जन से ज़्यादा मिसाइलें दागी गई हैं। इन इराक़ी बेस में अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाओं के भी जवान हैं। इसे ईरान का पलटवार माना जा रहा है क्योंकि अमेरिका ने पिछले हफ़्ते शीर्ष ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी को मार गिराया गया था। पेंटागन ने हमले की पुष्टि की है। सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ईरान ने साफ़ कहा था कि वह सुलेमानी की मौत का बदला लेगा लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी।

ईरान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उसने ही एयरबेस पर इन मिसाइलों को गिराया है। अमेरिका के सार्वजनिक मामलों के रक्षा सचिव के सहयोगी जोनाथन हॉफ़मैन ने एक बयान में कहा, ‘7 जनवरी को शाम 5.30 बजे ईरान ने इराक़ में अमेरिकी सेना और गठबंधन सेनाओं के ख़िलाफ़ एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। हमले में अभी तक किसी की मौत होने की ख़बर नहीं है।’ हॉफ़मैन ने कहा कि पेंटागन हमले के बाद हुए नुक़सान का आकलन कर रहा है। 

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘सब ठीक है। इराक़ में स्थित दो सैन्य ठिकानों पर ईरान से मिसाइलें दागी गईं और नुक़सान का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया में सबसे शक्तिशाली और बेहतर सेना है, मैं कल सुबह बयान दूंगा।’ 

व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपनी टीम के साथ हालात पर पैनी नज़र रख रहे हैं। स्थानीय सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी को बताया कि इराक़ के सबसे बड़े एन-अल-असद एयरबेस में कम से कम नौ रॉकेटों को गिराया गया है। 

इराक के हशेड अल-शाबी सैन्य नेटवर्क के उप प्रमुख अबू महदी अल-मुहांदिस को भी अमेरिका ने सुलेमानी पर किये गये हमले में मार गिराया था। उन्हें इस क्षेत्र में तेहरान के प्रॉक्सी नेटवर्क के गॉडफ़ादर माना जाता था। 

हॉफ़मैन ने कहा, ‘हाल के दिनों में ईरानी ख़तरों को देखते हुए रक्षा विभाग ने हमारे कर्मियों और भागीदारों की सुरक्षा के लिए सभी ज़रूरी उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि इन एयरबेस को ईरान की ओर से हमलों के ख़तरों को देखते हुए हाई अलर्ट पर रखा गया है।’ हॉफमैन ने कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों, सहयोगियों की रक्षा और बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।