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राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने पिछले एक महीने में कितने झूठ बोले?

राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने पिछले एक महीने में कितने झूठ बोले?

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके झूठे या भ्रामक बयानों की संख्या को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं। जानिए, उन्होंने पिछले एक महीने में कितने झूठ बोले और क्या है सच्चाई।

ट्रंप झूठ बोलते हैं और ऐसा जमकर करते हैं! उन्होंने अपने 4 साल के पिछले कार्यकाल में हर रोज़ औसतन 21 झूठ या भ्रामक दावे करते रहे थे। लेकिन क्या आपको पता है कि दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक वह कितने मामलों में ऐसा कर चुके हैं? 

पिछले महीने राष्ट्रपति बनने के बाद एक महीने में उन्होंने कम से कम 13 बड़े झूठ बोले हैं या भ्रामक दावे किए हैं। छोटे-मोटे झूठ व भ्रामक दावे तो कहीं ज़्यादा हैं। ट्रंप के ये दावे कभी भाषण में आए तो कभी साक्षात्कारों, पत्रकारों के साथ बातचीत और सोशल मीडिया पर पोस्ट में आए। राष्ट्रपति अपने बयानों में न केवल बढ़ाचढ़ा कर दावे पेश किए, बल्कि पूरी तरह से मनगढ़ंत बातें भी कीं। ठीक ऐसा ही उन्होंने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान किया था। ट्रंप ने अपने 4 साल के पिछले कार्यकाल में कैसे-कैसे झूठ बोले और गल़त दावे पेश किए, यह जानने से पहले यह जान लें कि वह किस तरह के शख्स हैं और ताज़ा कार्यकाल को लेकर किस तरह की ख़बरें आई हैं। 

ट्रंप की इमेज एक ऐसे नेता के रूप में है जो बदज़ुबानी के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि वह अहंकारी हैं और बड़बोले भी। पिछले कार्यकाल में झूठ बोलने का तो जैसे उन्होंने रिकॉर्ड ही बना लिया। अब इस कार्यकाल में सीएनएन ने ट्रंप के 13 बड़े झूठ पर एक रिपोर्ट छापी है।

'ग़ज़ा में कंडोम फ़ंड'

रिपोर्ट के अनुसार प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपनी पहली आधिकारिक व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में घोषणा की कि ट्रम्प ने 'ग़ज़ा में कंडोम को फ़ंड देने के लिए' 50 मिलियन डॉलर ख़र्च करने की योजना को विफल कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के पास इसे प्रमाणित करने के लिए कोई सबूत नहीं था। लेकिन ट्रंप ने अगले दिन न केवल 50 मिलियन डॉलर का आँकड़ा दोहराया, बल्कि उन्होंने एक भड़काऊ दावा भी जोड़ा कि कंडोम 'हमास के लिए' थे। फिर, यह साफ़ हो जाने के कुछ दिनों बाद कि 50 मिलियन डॉलर का आंकड़ा शुद्ध एक कल्पना थी, ट्रंप ने इसे बढ़ाचढ़ाकर '100 मिलियन डॉलर' तक बोल दिया।

यूक्रेन युद्ध

रूस-यूक्रेन युद्ध तब शुरू हुआ जब रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया। यह एक तथ्य है। लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने युद्ध ख़त्म करने के बारे में यूएस-रूस वार्ता से यूक्रेनियों को बाहर रखने की उनकी शिकायतों को खारिज कर दिया और उन्होंने यूक्रेन पर युद्ध शुरू करने का झूठा आरोप लगा दिया। ट्रंप ने कहा, 'आपको इसे कभी शुरू नहीं करना चाहिए था। आप एक सौदा कर सकते थे।' 

जन्मजात नागरिकता 

ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता को ख़त्म करने के अपने प्रयास के लिए एक तर्क दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जो जन्मजात नागरिकता देता है। लेकिन यह सच नहीं है, जैसा कि सीएनएन और अन्य आउटलेट ने रिपोर्ट दी है कि ट्रंप ने 2018 में राष्ट्रपति के रूप में और कई अन्य अवसरों पर यही दावा किया था। कनाडा और मैक्सिको सहित दर्जनों देशों में वहाँ की धरती पर जन्म लिए लोगों को अपने आप नागरिकता मिल जाती है।

कैपिटल हिल हिंसा

ट्रंप ने 6 जनवरी, 2021 के कैपिटल हिल बिल्डिंग हिंसा पर अपनी ही कहानी गढ़ी। इस महीने की शुरुआत में जब ट्रंप से पूछा गया कि उन्होंने पहले हमला करने वाले लोगों को माफ़ी क्यों दी, तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उन्होंने माफ़ किया था, उन पर ही वास्तव में 'हमारी सरकार ने हमला किया था' और 'उन्होंने (माफी दिए गए लोगों ने) हमला नहीं किया था।' ट्रंप का यह दावा कि 'उन्होंने हमला नहीं किया', झूठ है। वीडियो दर वीडियो और मुक़दमे दर मुक़दमों में साफ़ हो गया है। 

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि 6 जनवरी को 140 से अधिक अधिकारियों पर हमला किया गया था और 170 से अधिक लोगों ने इस तरह के हमलों के लिए दोषी होना स्वीकार किया है।

इसी तरह से ट्रंप ने कैलिफोर्निया जल नीति को लेकर बयान दिया था। ट्रंप ने लॉस एंजिल्स के जंगल की आग को कैलिफोर्निया के उत्तरी भाग में एक मछली की प्रजाति की रक्षा के लिए उसके पानी का कुछ हिस्सा इस्तेमाल करने के फ़ैसले से जोड़ा। जबकि दोनों चीजों का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। फिर, सेंट्रल वैली जलाशयों से अचानक अरबों गैलन पानी छोड़ने का आदेश देने के बाद ट्रंप ने घोषणा की कि इस पानी का कुछ हिस्सा लॉस एंजिल्स जा रहा था। जबकि सच्चाई यह है कि वह पानी लॉस एंजिल्स नहीं जा रहा था और वह पानी लॉस एंजिल्स जा ही नहीं सकता है।

इसके साथ ही 2020 के चुनावी नतीजों, ओलंपिक मुक्केबाजी में ट्रांसजेंडरों, कनाडा को अमेरिकी राज्य बनाने के कनाडाई लोगों की सहमति होने जैसे ट्रंप के दावे भी झूठ साबित हुए हैं। सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना के लिए ट्रंप ने बाइडन की नीतियो को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि यह ट्रंप प्रशासन की नीति थी जो ज़िम्मेदार थी। ऑटिज़्म पर आँकड़ों और ट्रंप को मिले युवा वोट को लेकर उनके दावे भी ग़लत साबित हुए हैं। 

पिछले कार्यकाल के झूठ का रिकॉर्ड जानिए

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही झूठ बोलने का रिकॉर्ड बना डाला था। फैक्ट चेकरों ने ट्रंप के दावों और उनके बयानों की हवा निकाल दी थी। वाशिंगटन पोस्ट ने चार वर्षों में 30,573 झूठे या भ्रामक दावों को जुटाया था। इसको चार साल में बाँटा जाए तो हरदिन औसतन क़रीब 21 झूठ या भ्रामक दावे होते हैं। 

पिछले कार्यकाल की एक ख़ास बात यह थी कि सत्ता हासिल करने के शुरुआती दिनों में झूठ या भ्रामक दावों की संख्या कम थी। यह संख्या समय के साथ बढ़ती गई।

उनके पहले वर्ष में औसतन प्रतिदिन 6 दावे झूठे थे। उनके अंतिम वर्ष में बढ़कर प्रतिदिन 39 हो गए। यह बढ़ोतरी खासकर 2020 के चुनाव के आसपास हुई। टोरंटो स्टार ने जनवरी 2017 से जून 2019 तक 5,276 झूठे दावे दर्ज किए, जो उस अवधि के दौरान प्रतिदिन औसतन छह थे। 

राष्ट्रपति बनने के दिन 20 झूठे दावे

उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से सीएनएन जैसे मीडिया आउटलेट ने इस पैटर्न की निरंतरता को नोट किया है। ट्रंप के सत्ता संभालने के पहले दिन यानी 20 जनवरी, 2025 को 20 झूठे दावे किए। यह दिखाता है कि वह अपनी पिछली दर को बनाए रख सकते हैं या उससे अधिक कर सकते हैं।

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)

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