मुंबई निवासी हामिद निहाल अंसारी आज 6 साल बाद पाकिस्तान से भारत लौट आए हैं। अंसारी पर आरोप था कि वे भारतीय जासूस थे, उन्होंने फ़र्ज़ी तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश किया और वे फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनाने में शामिल थे। पाकिस्तान ने हामिद को भारत का जासूस बताया था और 2012 में उन्हें क़ैद कर लिया था। ख़बरों के मुताबिक़, हामिद एक लड़की से मिलने के लिए अफ़गानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान चले गए थे।
अंसारी को एक जेल वैन के जरिए वाघा-अटारी सीमा पर लाया गया। इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने हामिद को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।
2015 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फ़र्ज़ी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के मामले में उन्हें तीन साल की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद से ही अंसारी पेशावर की सेंट्रल जेल में बंद थे। 15 दिसंबर, 2018 को उनकी सज़ा पूरी हो गई थी। 33 साल के अंसारी मुंबई के रहने वाले हैं। अंसारी की माँ ने अपने बेटे की रिहाई के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार जताया है।
ख़बरों के मुताबिक़, हामिद की एक लड़की से ऑनलाइन चैटिंग करने के दौरान अच्छी दोस्ती हो गई थी। उससे मिलने की चाहत में हामिद अफ़गानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुँच गए थे। भारत ने अंसारी की रिहाई पर खुशी जताई है।
हामिद की माँ, फ़ौज़िया अंसारी मुंबई के एक स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने अपने बेटे की रिहाई के लिए बहुत कोशिश की। हामिद की माँ ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से भी कई बार उसे रिहा करने की गुहार लगाई। हामिद के पिता निहाल अंसारी रिटायर्ड बैंकर हैं। हामिद के माँ और पिता भी अटारी-वाघा बॉर्डर पर मौजूद थे।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल ने ने ट्वीट किया था कि , 'सज़ा पूरी होने के बाद अंसारी को रिहा कर दिया गया है और उन्हें भारत भेजा रहा है।'