ट्रंप क्या ग्रीनलैंड को खरीद लेंगे? कनाडा, पनामा को भी धमकी!
क्या डोनाल्ड ट्रंप विस्तारवादी रुख अपना रहे हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह की नीतियाँ अपनाने के आरोप शी जिनपिंग के चीन और व्लादिमीर पुतिन के रूस पर लगते रहे हैं? ट्रंप ने ग्रीनलैंड को हासिल करने की अपनी इच्छा दोहराई और इसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। दिलचस्प बात यह है कि ग्रीनलैंड पर ट्रम्प की टिप्पणी आई और कुछ घंटों में ही उनके बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ग्रीनलैंड की राजधानी नुउक पहुँच गए।
रोचक बात एक और हुई कि डोनाल्ड ट्रंप के बेटे ने कथित तौर पर 'ग्रीनलैंड को फिर से महान बनाओ' की टोपियां बाँटीं। हालाँकि उन्होंने दावा किया कि वे विशुद्ध रूप से एक पर्यटक के रूप में वहां पहुँचे हैं। अपनी कुछ तस्वीरों को साझा करते हुए उन्होंने लिखा, 'ग्रीनलैंड खुबसूरत है!' उनकी इस पोस्ट पर ट्रंप के क़रीबी अरबपति और ट्रंप सरकार में अहम पद पाने वाले एलन मस्क ने कहा, 'यदि ग्रीनलैंड के लोग अमेरिका का हिस्सा बनना चाहते हैं, जिसकी मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे, तो उनका हार्दिक स्वागत होगा!'
If the people of Greenland want to be part of America, which I hope they do, they would be most welcome! 🇺🇸 🇬🇱 https://t.co/lgzbVDpYOG
— Elon Musk (@elonmusk) January 7, 2025
तो सवाल है कि ग्रीनलैंड पर अमेरिका की नज़र क्यों है? क्या उसकी नज़र वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों पर है और वहाँ उसके आर्थिक हित हैं? क्या अमेरिका सामरिक नज़रिए से इसको अहम मानता है? क्या ट्रंप का यह विस्तारवादी नज़रिया दिखाता है और यह कनाडा और पनामा नहर की तरह ग्रीनलैंड को भी अमेरिका की अपना राज्य बनाने की कोशिश है?
इनके जवाब जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर डोनाल्ड ट्रंप के हाल में क्या बयान आए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण से दो सप्ताह से भी कम समय बचा है और उनकी भड़काऊ विदेश नीति पहले ही सामने आ चुकी है। अमेरिका के भावी राष्ट्रपति ने ग्रीनलैंड को हासिल करने की अपनी इच्छा दोहराई, इसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस पर सवाल उठे तो ट्रंप ने इसको और पुष्ट किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने के लिए अमेरिकी सैन्य बल का इस्तेमाल करने की संभावना ख़ारिज करने से इनकार कर दिया। ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर एक रिपोर्टर के सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, 'मैं आपको इन दोनों में से किसी पर भी भरोसा नहीं दिला सकता। ...लेकिन मैं यह कह सकता हूँ कि हमें आर्थिक सुरक्षा के लिए इनकी ज़रूरत है।'
बता दें कि ग्रीनलैंड डेनमार्क साम्राज्य का एक स्वायत्त क्षेत्र है। यह राज्य के भीतर दो स्वायत्त क्षेत्रों में से बड़ा है, दूसरा फ़रो द्वीप है, दोनों क्षेत्रों के नागरिक डेनमार्क के पूर्ण नागरिक हैं। चूंकि ग्रीनलैंड यूरोपीय संघ के विदेशी देशों और क्षेत्रों में से एक है, इसलिए ग्रीनलैंड के नागरिक यूरोपीय संघ के नागरिक हैं।
जब ट्रंप ने 2019 में वाशिंगटन द्वारा ग्रीनलैंड को खरीदने का विचार शुरू किया था, तो डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि 'ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है'।
अभी कुछ दिन पहले ही डेनमार्क के किंग फ्रेडरिक एक्स ने ग्रीनलैंड के प्रतीक को अधिक प्रमुखता से दिखाने के लिए अपने देश के कोट ऑफ आर्म्स को बदल दिया था।
डेनमार्क की संसद की सदस्य और ग्रीनलैंड की निवासी आजा केमनिट्ज़ ने सीएनएन से कहा, 'ग्रीनलैंड में बहुसंख्यक लोगों को यह काफी डरावना और असहज लगता है... कि अमेरिका अपमानजनक तरीके से यह दिखा रहा है कि वे ग्रीनलैंड को खरीदना या ग्रीनलैंड को नियंत्रित करना चाहते हैं। ग्रीनलैंड MAGA नहीं है। ग्रीनलैंड MAGA नहीं बनने जा रहा है।'
कनाडा पर भी बयान
5 नवंबर 2024 को चुनाव जीतने और जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात के बाद से ही ट्रंप कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कई सोशल मीडिया पोस्ट में भी इसका ज़िक्र किया है और कुछ में 'गवर्नर ट्रूडो' के रूप में भी संबोधित किया है। मंगलवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह कनाडा को अमेरिका में शामिल करने के अपने विचार को पूरा करने के लिए सैन्य कार्रवाई का इस्तेमाल करेंगे, तो ट्रंप ने कहा, 'नहीं, आर्थिक बल।' उन्होंने कहा, 'आप उस कृत्रिम रूप से खींची गई रेखा (अमेरिका-कनाडा सीमा) से छुटकारा पा सकते हैं, और आप देख सकते हैं कि यह कैसी दिखती है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत बेहतर होगा।' ट्रम्प ने कनाडाई सामानों और देश के लिए सैन्य सहायता पर अमेरिकी खर्च की भी आलोचना की और कहा कि वाशिंगटन को कोई लाभ नहीं मिलता है।
पिछले साल नवम्बर में ट्रम्प ने घोषणा की थी कि वे पदभार ग्रहण करने पर कनाडाई और मैक्सिकन सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं, बशर्ते कि दोनों देश अमेरिका में प्रवासियों और नशीली दवाओं के प्रवाह पर रोक नहीं लगाते।
इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप पनामा नहर संधि को ख़त्म करना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि ट्रंप का विस्तारवादी रवैया उनके दूसरे कार्यकाल में अति आत्मविश्वास को दिखाता है, जिसका इस्तेमाल वे अमेरिका की वैश्विक भूमिका पर अपनी छाप छोड़ने के लिए कर रहे हैं।
कमजोर पर ताक़तवर की जीत के सिद्धांत का उनका व्यक्तित्व अन्य वैश्विक मुद्दों के प्रति उनके नज़रिए को भी प्रभावित कर सकता है। ट्र्रंप की इस बमबारी से उनके समर्थक खुश हो सकते हैं। लेकिन कई विदेशी इसे अहंकारी मानते हैं। पनामा नहर पर कब्ज़ा करने की कोशिश को भू-राजनीतिक चोरी माना जाएगा। ग्रीनलैंड पर आक्रमण करना अंतरराष्ट्रीय कानून का मज़ाक उड़ाना होगा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को ग्रेट व्हाइट नॉर्थ पर ट्रंप के विचारों का मज़ाक उड़ाया। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कनाडा संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा बन जाएगा।' यह प्रतिक्रिया ट्रंप के नज़रिए के नकारात्मक पक्ष को दिखाती है। अमेरिका के दोस्तों को डराने-धमकाने से पूरी आबादी अलग-थलग पड़ सकती है। कुछ विदेश नीति विशेषज्ञों को आशंका है कि लैटिन अमेरिका में अमेरिकी धमकियाँ और दबाव वास्तव में इन देशों को चीन के करीब ला सकते हैं।