129 भारतीय छात्र अमेरिका में गिरफ़्तार, मदद के लिए नंबर जारी 

02:02 pm Feb 02, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

अमेरिका में गिरफ़्तार किए गए 129 भारतीय छात्रों की मदद के लिए भारतीय दूतावास ने दो हॉटलाइन नंबर जारी कर दिए हैं। ये नंबर 202-322-1190 और 202-340-2590 हैं। दूतावास ने छात्रों की मदद के लिए नोडल ऑफ़िसर की भी तैनाती कर दी है। अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को ग्रेटर डेट्रॉइट इलाक़े में फ़र्मिंगटन यूनिवर्सिटी से 130 छात्रों को गिरफ़्तार किया था। छात्रों को ‘पे एंड स्टे’ घोटाले में गिरफ़्तार किया गया है। 

भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि इन दोनों नंबर पर 24 घंटे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। छात्रों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिका में रहने के लिए एक फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया था। गिरफ़्तार छात्रों के परिजन दूतावास की ओर से जारी किए गए इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमने अमेरिका में भारतीय समुदाय वाले संगठनों से गिरफ़्तार किए गए भारतीय छात्रों की मदद करने के लिए कहा है। 

यह ‘पे एंड स्टे’ रैकेट कुछ भारतीयों द्वारा चलाया जा रहा था और इस वजह से लगभग 600 छात्र मुसीबत में फंस गए हैं। इन छात्रों के गिरफ़्तार होने के बाद अन्य भारतीय छात्र भी परेशान हैं। मामले की जाँच कर रहे अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जिन छात्रों ने इसमें दाख़िला लिया था वे जानते थे कि यूनिवर्सिटी के द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रम ग़लत हैं। 

यह फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी होमलैंड सिक्योरिटी जाँच एजेंसी के द्वारा अवैध वीजा रैकेट में शामिल लोगों को गिरफ़्तार करने के लिए खोली गई थी। अब इस यूनिवर्सिटी को बंद किया जा चुका है। 

अमेरिकी जाँच अधिकारियों के अनुसार, इन लोगों को प्रतिबंधित करने के बजाए सभी को देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। जॉच एजेंसी के अधिकारियों ने मामले का पता लगाने के लिए भारतीय छात्रों की एड़ी में एक ट्रेकिंग डिवाइस लगाई थी। छात्रों को एक निश्चित सीमा से बाहर न जाने के लिए कहा गया था। आँकड़ों के अनुसार, 2017 में अमेरिका में 2,49,763 भारतीय छात्रों ने वहाँ की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया था। 

बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को ऐसे मामले में गिरफ़्तार किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका में इस तरह फ़र्ज़ी यूनिवर्सिटी में दाख़िला लेकर रह रहे अन्य छात्रों को भी गिरफ़्तार किया जा सकता है। गिरफ़्तार किए गए छात्रों के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई थी। एक महिला माधुरी ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज को लिखा कि उन्होंने भारतीय दूतावास को इस संबंध में मेल किया था। मुझे बताया गया था कि दूतावास की मदद से वे मेरे पति से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद से ही मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। माधुरी के ट्वीट पर भारतीय दूतावास ने उनके पति के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। महिला के पति इस फ़र्जी यूनिवर्सिटी में छात्र थे।