महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने अपने ट्वीट में पार्टी कार्यकर्ताओं से 3 मई को घोषित 'हनुमान चालीसा' नहीं करने की अपील की, ताकि ईद के त्योहार के दौरान कोई सामाजिक तनाव पैदा न हो। देश में ईद का त्यौहार मंगलवार 3 मई को मनाया जाएगा। राज ठाकरे ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर लाउडस्पीकर 3 मई तक नहीं उतरे तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के आगे हनुमान चालीसा पढ़ेंगे।महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर राजनीति शुरू करने वाले राज ठाकरे के दबाव में महाराष्ट्र सरकार आ गई है। राज ठाकरे के अल्टीमेटम और रविवार को औरंगाबाद में कामयाब रैली करने के बाद महाराष्ट्र सरकार सोमवार को एक्शन में दिखी।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सोमवार को टॉप रैंक के पुलिस अधिकारियों और अन्य आला अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में पुलिस और अन्य अफसरों को निर्देश दिया गया कि कल हर मस्जिद की निगरानी की जाए और अगर वहां मनसे कार्यकर्ता या अन्य अराजक तत्व उनकी आड़ में कोई गड़बड़ी करते हैं तो उनसे सख्ती से निपटा जाए। पुलिस से कहा गया था कि बड़े से बड़ा नेता अगर सड़क पर आकर इस तरह की गतिविधि करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए। समझा जाता है कि इस बैठक के बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपना अल्टीमेटम वापस लिया, ताकि टकराव टाला जा सके। यह तय था कि अगर मंगलवार को मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के आगे हनुमान चालीसा पढ़ते तो टकराव होता। ऐसे में बड़े खून खराबे या दंगे की स्थिति बन सकती थी। इसी वजह से राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से मंगलवार को हनुमान चालीसा न पढ़ने की अपील जारी कर दी।
राज ठाकरे ने रविवार को औरंगाबाद में रैली की थी, जिसमें भारी भीड़ जुटी। राज ने इस रैली में लाउडस्पीकर को लेकर अपनी धमकी दोहराई और कहा कि अगर 3 मई तक लाउडस्पीकर न उतरे तो हम बताएंगे कि कैसे उतारे जाएंगे। राज ठाकरे ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि जब यूपी में लाउडस्पीकर उतारे जा सकते हैं तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं। राज ठाकरे का औरंगाबाद वाला भाषण बहुत तीखा था। महाराष्ट्र सरकार ने अलग से उसकी जांच कराने को कहा है।