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प्रशांत किशोर की राह आसान करेगा, समर्थित उम्मीदवार का जीतना?

प्रशांत किशोर की राह आसान करेगा, समर्थित उम्मीदवार का जीतना?

प्रशांत किशोर अपने गृह राज्य से राजनीति की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसके लिए वे कई प्रकार के सर्वे करवा रहे हैं। लेकिन उससे पहले उनके द्वारा समर्थित उम्मीदवार का चुनाव जीतना उनके लिए राहत की बात है, जो दूसरे दलों की चिंताएं बढ़ाएगा। 

बिहार विधान परिषद के लिए हुए पांच सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये हैं। घोषित नतीजों में बीजेपी ने पांच में से दो सीटें, महागठबंधन ने दो सीटें जीती हैं। लेकिन इन नतीजों की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि इसमें रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर समर्थित उम्मीदवार ने भी एक सीट पर जीत हासिल की है। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते अफाक अहमद को प्रशांत किशोर ने अपना समर्थन दिया था।

जिन सीटों के परिणाम घोषित किये गये हैं वह बिहार विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक कोटे की सीटें हैं, जिन पर 31 मार्च को वोट डाले गए थे।

अफाक अहमद के अलावा और जिन उम्मीदवारों को जीत मिली है उसमें सारण सीट पर जनता दल यूनाइटेड के वीरेंद्र नारायण यादव ने बीजेपी के डॉक्टर महाचन्द्र प्रसाद सिंह को हराया। जबकि सारण की ही शिक्षक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी अफ़ाक अहमद ने सीपीआई प्रत्याशी आनंद पुष्कर को पराजित किया।

गया शिक्षक निर्वाचन सीट पर बीजेपी के जीवन कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के संजीव श्याम को हराया, जबकि, स्नातक सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की। वहीं, कोशी शिक्षक सीट से जनता दल यूनाइटेड के संजीव कुमार सिंह दोबारा चुनाव में जीतने में सफल रहे।

प्रशांत किशोर अपने गृह राज्य से राजनीति की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसके लिए वे कई प्रकार के सर्वे करवा रहे हैं। उनके द्वारा कराये जा रहे इन सर्वेक्षण का उद्देश्य आगामी विधानसभा की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि वे रणनीतिकार के तौर वे कुछ दलों को चुनावी सफलता भले ही दिला चुके हों लेकिन इस बार मामला खुद उनसे जुड़ा हुआ है तो देखना पड़ेगा कि वे कितने सफल होंगे।

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