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शिवराज ने क्यों कहा, कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है? 

शिवराज ने क्यों कहा, कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है? 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद जाने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी का दौरा किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चिंता मत करना मैं तुम्हारे साथ हूं। मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा, मैं लड़ूंगा।  

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद जाने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी का दौरा किया है। बुदनी के शाहगंज में शिवराज सिंह चौहान जैसे ही पहुंचे उन्हें देख कर  लाड़ली बहनें उनसे लिपट कर रोने लगी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चिंता मत करना मैं तुम्हारे साथ हूं। मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा, मैं लड़ूंगा। 

उन्होंने मुख्यमंत्री पद जाने का कारण भी इस दौरान बताया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'कोई बड़ा उद्देश्य होगा, कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है, लेकिन कहीं न कहीं किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है। उन्होंने कहा कि, चिंता मत करना, मेरी जिंदगी आप लोगों के लिए है, बहन बेटियों के लिए, जनता जर्नादन के लिए है। 

शिवराज सिंह चौहान चार बार सीएम रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता हैं। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में उनकी बड़ी भूमिका है। माना जाता है कि शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में शुरु की गई कल्याणकारी योजनाओं के कारण भाजपा की एक बार फिर से जीत हुई है। 

चुनाव से पहले ही भाजपा ने संकेत दे दिया था कि चुनाव के बाद अगर जीत होती है तब भी शिवराज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। इसके बावजूद शिवराज ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के किसी भी दूसरे नेता के मुकाबले कहीं ज्यादा मेहनत की थी। वह लगातार राज्य का दौरा करते रहे थे। 

दूसरे नेताओं की तुलना में कहीं अधिक जनसभाएं की थी। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्हें फिर से सीएम बनाया जाएगा। लेकिन इस बार भाजपा ने शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके और शिवराज की तुलना में काफी कम प्रसिद्ध चेहरे मोहन यादव को सीएम बना दिया। 

शिवराज ने पार्टी के इस फैसले का स्वागत एक अनुशासित सिपाही की तरह किया। उन्होंने कभी खुलकर इसका विरोध नहीं किया और न ही किसी तरह की बगावत की है। इसके बावजूद राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान के मन के किसी कोने में इस बात का अब भी दुख है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया गया है। बुदनी में उनके मन का यही दर्द निकल पड़ा है। उनके इस बयान कि, कई बार राजनीतिक होते-होते वनवास भी हो जाता है, को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। 

 - Satya Hindi

यह आपके मामा और भैया का घर जो है 

शिवराज सिंह चौहान श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास छोड़कर अब भोपाल के लिंक रोड-1 स्थित B-8, 74 बंगले में शिफ्ट हो चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान ने अपने नए आवास का नाम मामा का घर रखा है। वह मध्य प्रदेश में बहनों के भैया और भांजे-भाजियों के मामा के नाम से जाने जाते हैं। यही कारण है कि अपने नए बंगला का नाम उन्होंने मामा का बंगला रखा है। 

मेरे प्यारे बहनों-भाइयों और भांजे-भांजियों, आप सबसे मेरा रिश्ता प्रेम, विश्वास और अपनत्व का है।   पता बदल गया है, लेकिन "मामा का घर" तो मामा का घर है। आपसे भैया और मामा की तरह ही जुड़ा रहूँगा। मेरे घर के दरवाजे सदैव आपके लिए खुले रहेंगे। आपको जब भी मेरी याद आये या मेरी जरूरत हो, नि:संकोच घर पधारिये आखिर यह आपके मामा और भैया का घर जो है।

इससे पहले सीएम हाउस को खाली करने के बाद उन्होंने कहा था कि 'मैंने यहां अपने लोगों और राज्य के कल्याण के लिए बहुत सारे फैसले लिए हैं। नए मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी टीम को शुभकामनाएं देता हूं कि राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। मैं उन लोगों की ढेर सारी यादों और प्यार के साथ खुश होकर वापस जा रहा हूं, जिन्होंने सीएम के रूप में मेरी यात्रा पूरी करने में मदद की है। 

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