जेडीएस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी की तारीफ की है। देवेगौड़ा का यह पत्र ऐसे समय आया है, जब कर्नाटक विधानसभा के चुनावों में पांच महीने का वक्त ही बचा है। उनके इस पत्र के सामने आने के बाद कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस औऱ जेडी(एस) साथ आ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो फिर राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर के नेता एच. डी. देवेगौड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए मंगलवार को शुभकामनाएं दी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को लिखे पत्र में उन्होंने देश में बढ़ रही नफरत के लिए भारत जोड़ो यात्रा के जरिए देशभर में सद्भाव का संदेश फैलाकर नफरत और हिंसा से लड़ने में राहुल गांधी की तारीफ की है।
अपने पत्र में उन्होंने यात्रा में शामिल न हो पाने को लेकर भी खेद जताया। और निमंत्रण के लिए कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष का शुक्रिया भी कहा। उन्होंने खडगे से राहुल गांधी तक उनका संदेश पहुंचा देने की बात भी लिखी, इसमें उन्होंने लिखा कि मैं राहुल गांधी की बहुत सराहना करता हूं।
2018 में हुए विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन करके एक साल से ज्यादा सरकार चलाई थी। उसके बाद बीजेपी ने कुछ विधायकों को अपने पाले में लाकर कांग्रेस और जेडीएस से सत्ता छीन ली थी। ऐसे में अगर यह दोनों ही दल साथ आते हैं तो फिर बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा।
भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति पर होने वाली रैली में शामिल होने के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से समान विचारधारा वाले सभी दलों को आमंत्रित किया गया है। यात्रा की समाप्ति पर होने वाली इस रैली में कई दलों के नेताओं ने शामिल होने की सहमति पहले ही दे दी है।
इस रैली को आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस इस रैली के जरिए गठबंधन के लिए लिए जरूरी नेताओं के रुख को भी अंदाजा लगाने की कोशिश करेगी। उसके बाद ही वह गठबंधन के स्वरूप पर विचार करेगी।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा 30 जनवरी को कश्मीर में खत्म हो रही है। खत्म होने से पहले यह यात्रा इस समय जम्मू कश्मीर में आतंवाद से प्रभावित काफी संवेदनशील इलाकों से गुजर रही है। जिस पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। उनकी यात्रा शुरु होने के 24 घंटों के भीतर ही दो बम धमाके पहले ही हो चुके हैं।