पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म

08:53 pm Jun 17, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ चली लंबी बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने हड़ताल ख़त्म कर दी। हड़ताली डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार ने उनकी ज़्यादातर माँगें मान ली है, वे इससे संतुष्ट हैं, वे भी चाहते थे कि समस्या का समाधान ज़ल्द से ज़ल्द निकले। 

डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम

पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के ख़ास इंतजाम किए जाएँगे। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के 24 प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में राज्य सरकार इस पर राजी हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए 10 सुझाव दिए हैं। राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों में एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जहाँ डॉक्टर अपनी बात कह सकेंगे। इसके अलावा हर अस्पताल में एक नोडल अफ़सर तैनात किया जाएगा।

यह भी तय हुआ कि रोगियों के परिजनों के अंदर जाने की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाएगा, यह देखा जाएगा कि इमर्जेंसी वार्ड में दो से अधिक परिजन न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी रोगी की मृत्यु के बारे में जानकारी देने के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। रोगी के स्वास्थ्य की जानकारी परिजनों को बेहतर और सम्मानजनक तरीके से दी जाएगी।  

कड़ी कार्रवाई का आश्वासन

सरकार ने डॉक्टरों की यह बात भी मान ली है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर पर हमला करने वालों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी दी जाएगी। सरकार कहती रही है कि इस मामले में 5 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। ममता बनर्जी ने इस माँग को भी स्वीकार कर लिया कि हमला करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी।

इसके पहले शनिवार को ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था, सरकार ने डॉक्टरों की सभी माँगें मान ली हैं और अगर कोई माँग रह गई है तो उस पर विचार किया जाएगा। ममता ने यह भी कहा था कि अगर डॉक्टर उनके साथ बात नहीं करना चाहते हैं तो राज्यपाल या मुख्य सचिव से बात कर सकते हैं। सरकार इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। इसके बाद शनिवार रात को हड़ताली डॉक्टरों ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर सोमवार को देश भर के लगभग 5 लाख डॉक्टरों सोमवार को हड़ताल कर दी थी। हड़ताल में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) से जुड़े 18,000 डॉक्टरों के साथ-साथ एम्स के डॉक्टर भी शामिल थे। 

क्या है मामला

पूरे मामले की शुरुआत कोलकाता स्थित एनआरएस मेडिकल कॉलेज से हुई। एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर हमला कर दिया था। इस हमले में दो डॉक्टर घायल हो गए थे, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। इस हमले के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी।