बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल नेता ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री का दावेदार बता दिया। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि ममता बनर्जी की पहला बंगाली प्रधानमंत्री बनने की अच्छी संभावनाएँ हैं। हालाँकि बाद में उन्होंने बयान को घुमा दिया और कहा कि उन्होंने बस उनके सपने पूरे होने की शुभकामनाएँ दी हैं। बता दें कि विपक्षी दलों के नेताओं में प्रधानमंत्री के कई दावेदार हैं। उनमें से एक नाम ममता बनर्जी का भी है।
ममता ने भी विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर कहा था कि 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा था कि एक बार विपक्षी गठबंधन जीत जाए फिर सभी पार्टियाँ बैठककर इस मसले पर फ़ैसला करेंगी। हम उसे मंजूर करेंगे। ममता का यह बयान द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के उस बयान पर आया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषित करने का प्रस्ताव रखा था।
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह टिप्पणी ममता बनर्जी के जन्मदिन पर की। शुभकामनाएँ देते हुए घोष ने कहा कि वह ममता की अच्छी सेहत और कामयाबी की दुआ करते हैं।
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वे (ममता) सेहतमंद रहें ताकि अच्छा काम कर सकें। उनका सेहतमंद रहना ज़रूरी है, क्योंकि अगर किसी बंगाली के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएँ हैं तो उनमें वही एक हैं।''
- बाद में उन्होंने यह सफ़ाई देने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया के सवालों पर दावा किया कि उन्होंने सिर्फ़ यह दुआ कि थी कि प्रधानमंत्री बनने का ममता का सपना पूरा हो। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश का नेतृत्व करेंगे।
बीजेपी के नेशनब सेक्रेटरी राहुल सिन्हा ने दावा किया कि घोस की टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की साज़िश का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने विडियो नहीं देखा है और इसलिए इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।… लेकिन यह निश्चित तौर पर कहूँगा कि तृणमूल कांग्रेस की साज़िश है। एक पार्टी जो बंगाल में शासन नहीं कर सकती है इसे भारत में शासन करने के सपने नहीं देखने चाहिए।’