तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेताओं पर पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कुछ महिलाओं का उत्पीड़न करने के आरोप लगे थे। भाजपा ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया था। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने वहां का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की थी। यहां पर याद दिलाना जरूरी है कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ इससे भी बुरा हुआ था। वहां भीड़ ने उनसे गैंगरेप किया, उनकी नग्न परेड कराई गई, उनके परिजनों की हत्या उनके सामने की गई। पीएम मोदी आज तक मणिपुर नहीं गए। कर्नाटक में यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रज्ज्वल रेवन्ना को एनडीए ने अपना प्रत्याशी बनाया, मोदी उसके लिए प्रचार करने पहुंचे। महिला पहलवानों के साथ जो हुआ, उसे पूरे देश ने देखा। लेकिन अब संदेशखाली का जो वीडियो सामने आया, उसमें बताया गया है कि यह भाजपाई साजिश थी जो लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी को बदनाम करने के लिए की गई थी।
वायरल वीडियो में संदेशखाली का मंडल भाजपा यह दावा करते देखा और सुना जा सकता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता "सुवेंदु अधिकारी पूरी साजिश के पीछे हैं।" यह वीडियो कितना सत्य है, इसकी पुष्टि सत्य हिन्दी अपनी तौर पर नहीं करता है। लेकिन इसे टीएमसी नेताओं ने सोशल मीडिया पर प्रमुखता से शेयर किया है। आगे देखिए इस वीडियो को।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष ने वीडियो में आरोप लगाया कि सुवेंदु अधिकारी ने उसे और क्षेत्र के अन्य भाजपा नेताओं को "शाहजहां शेख सहित तीन टीएमसी नेताओं के खिलाफ रेप के आरोप लगाने के लिए तीन-चार लोकल महिलाओं को उकसाने" के लिए कहा था।
भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि नंदीग्राम विधायक "सुवेंदु अधिकारी ने खुद संदेशखाली में एक घर में बंदूकें रखी थीं, जिसे बाद में केंद्रीय एजेंसियों ने जब्ती के रूप में दिखाया।" वीडियो सामने आने के बाद टीएमसी ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा- 'संदेशखली पर बड़ा खुलासा' सुवेंदु अधिकारी ने "बंगाल और संदेशखली को बदनाम करने के लिए स्थानीय लोगों को पैसे देकर गैंगरेप की झूठी कहानी बनाई।" टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि "वायरल वीडियो से पता चलता है कि कैसे भाजपा ने बंगाल को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 'गैंग रेप' से लेकर 'हथियार जब्ती' तक का हर दावा किसी और ने नहीं बल्कि @SuvenduWB द्वारा पेश किया गया।"
फिलहाल सुवेंदु अधिकारी की कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "चौंकाने वाला संदेशखाली स्टिंग दिखाता है कि भाजपा के भीतर कितनी गहरी सड़ांध है। बंगाल की प्रगतिशील सोच और संस्कृति के प्रति अपनी नफरत में, 'बांग्ला-बिरोधियों' ने हमारे राज्य को हर संभव स्तर पर बदनाम करने की साजिश रची।" ममता बनर्जी ने यह भी कहा, "भारत के इतिहास में पहले कभी भी दिल्ली में एक सत्तारूढ़ दल ने पूरे राज्य और उसके लोगों को बदनाम करने की कोशिश नहीं की है। इतिहास गवाह रहेगा कि कैसे बंगाल दिल्ली के षड्यंत्रकारी शासन के खिलाफ गुस्से में उठेगा और उनके बिशोर्जन (विसर्जन) को सुनिश्चित करेगा।"
ममता के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, "संदेशखाली स्टिंग का वीडियो देखकर मैं स्तब्ध हूं। भाजपा ने क्षुद्र राजनीतिक उद्देश्यों के लिए पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की। यह घृणित कृत्य है। यह इतिहास में सत्ता के सबसे बड़े दुरुपयोग का प्रतीक है।''
पीएम मोदी ने अभी कल शुक्रवार को ही बर्धमान-दुर्गापुर और कृष्णानगर की चुनावी रैलियों में संदेशखाली का मुद्दा भुनाने की कोशिश की। मोदी ने 24 परगना के संदेशखाली में पीड़ितों के प्रति “उदासीनता” के लिए तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की, जहां सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सामने आए हैं।
संदेशखाली में सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीएम चावल घोटाले की जांच करने पहुंची थी। ईडी ने टीएमसी के स्थानीय नेता शाहजहां शेख पर आरोप लगाया कि उसने उस भीड़ का नेतृत्व किया, जिस भीड़ ने ईडी के काफिल पर हमला किया था। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अभी वो जेल में ही है। लेकिन टीएमसी ने उससे दूरी बना ली है। बंगाल के कई नेता चावल घोठाले मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं।