पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में बीएसएफ़ और संदिग्ध गो तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई है और इसमें तीन लोगों की मौत हो गई है। मारे गए तीन लोगों में से दो लोगों के बांग्लादेशी होने की बात कही जा रही है। कूच बिहार भारत-बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ जिला है।
हालांकि बीएसफ़ ने कहा है कि फ़ायरिंग में दो लोगों की मौत हुई है जबकि स्थानीय पुलिस ने कहा है कि तीन लोग मारे गए हैं।
क्यों अहम है घटना?
यह घटना इसलिए अहम है क्योंकि पंजाब के साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस नए आदेश का पुरजोर विरोध कर रही है, जिसमें गृह मंत्रालय ने बीएसएफ़ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी. से बढ़ाकर 50 किमी. कर दिया है। यह अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर बढ़ाया गया है। इस क़दम को उठाने के पीछे तस्करी पर रोक लगने और सुरक्षा बलों का ऑपरेशन बेहतर करने की बात कही गई है।
पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि क़ानून और व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है लेकिन केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के जरिये इसमें दख़ल दे रही है। पंजाब की विधानसभा में तो गृह मंत्रालय के इस आदेश के ख़िलाफ़ प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। सीमा संबंधी मुद्दों पर बात करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला शुक्रवार को कोलकाता पहुंचे और पश्चिम बंगाल के गृह सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अफ़सरों से मिले।
कूच बिहार की घटना को लेकर बीएसएफ़ का कहना है कि गुरूवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 2.30 बजे बांग्लादेश से कुछ अराजक लोगों ने भारतीय सीमा में घुसकर मवेशियों के सिरों की तस्करी करने की कोशिश की। जवानों ने उन्हें चेताया और वापस जाने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने।
सुरक्षा बल की ओर से कहा गया है कि उन लोगों को रोकने के लिए हल्के गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया लेकिन उन्होंने बीएसएफ़ के जवानों पर रॉड से हमला बोल दिया और इसमें कुछ जवान घायल हो गए। इसके बाद बीएसएफ़ के जवानों ने हवा में गोलियां चलाईं। बाद में खोज करने पर सीमा की तारबाड़ और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच दो लोगों की लाश मिली।
स्थानीय पुलिस ने इसे बीएसएफ़ और गो तस्करों के बीच मुठभेड़ बताया है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि बीएसएफ़ के जवानों ने अपनी बंदूकों से ओपन फ़ायरिंग की और मारे गए दो लोगों के शव सीमा की तारबाड़ के दूसरी ओर यानी बांग्लादेश के इलाक़े में मिले हैं।
टीएमसी विधायक ने चेताया
दिन्हाटा सीट से टीएमसी के विधायक उदयन गुहा ने कहा है कि केंद्र सरकार को बीएसएफ़ को रोकना चाहिए वरना कभी भी कुछ बहुत ग़लत हो सकता है। उन्होंने कहा कि वे जब युवा थे, तब बीएसएफ़ का अत्याचार देख चुके हैं। विधायक ने कहा कि बीएसएफ़ के लोग सीमाई इलाक़ों में रहने वाले लोगों पर अत्याचार करते हैं।
गृह मंत्रालय के इस आदेश के आने के बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि सुरक्षा बलों का राज्य की पुलिस के साथ टकराव हो सकता है। पंजाब सरकार ने भी कहा है कि उनके राज्य में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और बीएसएफ़ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने की कोई ज़रूरत नहीं है।