दिन भर की गहमागहमी और राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने सोमवार की शाम सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना का मुक़दमा दायर किया है। इस केंद्रीय जाँच एजेन्सी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि इन तीनों ने जानबूझ कर अदालत के फ़ैसले का उल्लंघन किया है।
बंगाल के राज्यपाल ने रिपोर्ट सौंपी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सीबीआई प्रकरण पर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सोमवार दोपहर बाद सौंप दी। उन्होंने राज्य के गृह सचिव से कहा था कि वे बताएँ कि सीबीआई प्रकरण में क्या हुआ था। उनसे यह भी पूछा गया था कि किस अधिकारी ने केंद्र सरकार से सहयोग नहीं किया या उसके कामकाज में अड़चनें डालीं। समझा जाता है कि केंद्र सरकार एक-दो दिन में इसका खुलासा करेगी या उसकी कर्रवाई से पता चलेगा कि रिपोर्ट में क्या है। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने एलान कर दिया है कि वह 8 फ़रवरी तक धरने पर रहेंगी।सोमवार सुबह गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शोरगुल के बीच लोकसभा में कहा था कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी पूरे सीबीआई प्रकरण पर जल्द ही एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि रविवार के घटनाक्रम के बाद कोलकाता में केंद्र सरकार दफ़्तरों के बाहर केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि राज्य सरकार केंद्र के साथ सहयोग नहीं कर रही है। उनके बयान के बाद लोकसभा की कार्यवाही दूसरी बार स्थगित कर दी गई।
'अभूतपूर्व घटना'
लोकसभा में ज़बरदस्त हंगामे, नारेबाज़ी और शोरशराबे के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालिया सीबीआई मामले में पूरा दोष पश्चिम बंगाल सरकार पर मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि भारत में यह पहली बार हुआ है कि राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेन्सी को अपना काम नही करने दिया, अड़चनें डालीं और उनके लोगों को ही हिरासत में ले लिया। यह क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।ममता बनाम सीबीआई: धरने पर ममता, सीबीआई के बहाने मोदी के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा
'सीबीआई तोता है', के लगातार चल रहे नारेबाज़ी के बीच गृह मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस के कमिश्नर ने सीबीआई से सहयोग नहीं किया, बुलाने पर भी नहीं गए और उनसे पूछताछ करने गए लोगों को उल्टे हिरासत में ले लिया। इसकी वजह यह है कि राज्य सरकार कुछ छिपा रही है ऐसे लोगों को बचा रही है। दोपहर दो बजे बाद जब लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद एक बार फिर शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। नारेबाज़ी और शोरगुल के बीच कुछ भी नहीं सुनाई पड़ रहा था। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी कोई काम नहीं हो सका।
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हंगामा जारी
इसके पहले लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे बाद शुरू हुई तो एक बार फिर हंगामा हुआ। सत्तारूढ़ बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच एक बार फिर ज़बरदस्त नोकझोक और झड़पें हुईं। सांसद सौगत राय ने कहा कि सीबीआई ने बहुत ही बुरा किया है, वह बग़ैर पूर्व अनुमति के, बग़ैर वारंट के पुुलिस प्रमुख से पूछताछ करने उनके आवास पहुँच गई।बीजेपी के सदस्यों ने ज़बरदस्त हंगामा किया और ज़ोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट लोगों को बचा रही है और क्योंकि उसके अपने लोग इसमें शामिल हैं।
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कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने के मुद्दे पर आज लोकसभा में ज़बरदस्त हंगामा हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया और इसे राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश क़रार दिया। इस पर सत्तारूढ़ बीजेपी और तृणमूल के सदस्यों के बीच जम कर झड़प हुई। ज़ोरदार हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में नोटिस
राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उपाध्यक्ष को नोटिस दिया गया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार लोकतंत्र को ख़त्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीबीआई को कटपुतली बना दिया है। वह सत्तारूढ़ दल और उसके सहयोगियों के घोटालों पर चुप रहती है, पर विपक्ष को परेशान करती है। सरकार ने सीबीआई को तोता बना दिया है।क्या करे सीबीआई: क्या सीबीआई को जाँच करने से रोक सकती है राज्य सरकार
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई
इसके पहले सुबह ही केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि यदि पुलिस प्रमुख राजीव कुमार ने सबूत नष्ट किए हैं तो यह बेहद गंभीर मामला है। हम उनके ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई करेंगे कि उन्हें अपने किए पर पश्चाताप करना होगा। उन्होंने सीबीआई से सबूत माँगा है। गोगोई ने कल यानी मंगलवार को इसकी सुनवाई तय की है।सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राजीव कुमार शारदा चिटफंड घोटालो में संदिग्ध हो सकते हैं, क्योंकि उन्होंने जानबूझ कर इससे जुड़ी जाँच धीमी की और संदिग्धों को बचाया। सीबीआई का यह भी कहना है कि पुलिस प्रमुख ने सबूत नष्ट किए हैं। सीबीआई ने राजीव कुमार से सभी सबूत सौंप देने को कहा है।