वायनाड लोकसभा सहित कई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 को, प्रचार ख़त्म
वायनाड लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव और कई राज्यों में विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के लिए सोमवार का दिन चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। आख़िरी दिन प्रत्याशियों ने चुनाव-प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और अधिक से अधिक सभाएँ करने की कोशिश की। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक मतदान से 36 घंटे पहले चुनावी रैलियां, सभाएं, जुलूस और रोड शो जैसी प्रचार की बड़ी गतिविधियां रुक जानी चाहिए। हालाँकि, घर-घर जाकर प्रचार किया जा सकता है।
वायनाड में प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल गांधी के साथ रोड शो किया और जनसभाओं को संबोधित किया। वायनाड लोकसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, 'आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। 35 साल से मैं चुनाव प्रचार कर रही हूं, लेकिन यह मेरे जीवन का सबसे खुशनुमा अभियान रहा है। वायनाड में मैं जहां भी गयी, मुझे अपार प्यार मिला, और मैं इसके लिए दिल से आभारी हूं। आपके प्यार ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मुझे ऊर्जा से भर दिया है। संसद में आपका प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा।'
Today is the last day of the campaign. For 35 years, I have been campaigning, but this has been the happiest campaign of my life.
— Congress (@INCIndia) November 11, 2024
Everywhere I've gone in Wayanad, I've received immense love, and I'm deeply grateful for it.
Your love has kept me energised throughout the… pic.twitter.com/XLsngz4ndF
अपनी बहन के लिए उनके साथ प्रचार करने पहुँचे राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने प्रियंका जी को एक चुनौती भी दी है - वायनाड को 5 साल के भीतर एक ऐसा पर्यटन स्थल बनाना है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में जाना जाए। मैं इस लक्ष्य को हासिल करने में उनकी मदद करूंगा। मैं आप सभी का आभारी हूं और मुझे उम्मीद है कि आप सभी उनका समर्थन करेंगे और उन्हें भारी बहुमत से जिताएंगे!'
वायनाड के साथ ही चेलक्कारा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी है। चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन एलडीएफ, यूडीएफ और एनडीए उम्मीदवारों ने चेलक्कारा बस स्टैंड पर अपनी अंतिम रैलियां कीं।
वायनाड लोकसभा सीट और चेलक्कारा विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान 13 नवंबर को है। वायनाड ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है, जबकि सीपीएम का नेतृत्व वाला एलडीएफ चेलक्कारा पर हावी रहा है।
वायनाड सीट को राहुल गांधी द्वारा खाली किए जाने के बाद उपचुनाव हो रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपनी रायबरेली सीट को बरकरार रखने का फैसला किया है। चेलक्कारा का उपचुनाव पूर्व मंत्री के राधाकृष्णन के अलाथुर से लोकसभा में जाने के कारण हो रहा है।
राजस्थान की सात सीटें
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होने वाला है और इसके लिए चुनाव प्रचार सोमवार को ख़त्म हो गया। भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी सहित तमाम पार्टियों के नेताओं और प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। मंगलवार यानी 12 नवंबर को प्रत्याशी घर घर जाकर वोट की अपील कर सकेंगे। राज्य की इन सात सीटों पर 69 प्रत्याशी इस उपचुनाव की दौड़ में हैं।
बिहार में 4 सीटों पर उपचुनाव
बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। बिहार की रामगढ़, इमामगंज, बेलागंज और तरारी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इन विधानसभा सीटों के लिए चुनाव-प्रचार थम गया। लगभग एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत इसलिए आई कि विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण ये सीटें खाली हो गई हैं। इस बार इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
इन चार सीटों पर उपचुनाव को विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति का 'लिटमस टेस्ट' माना जा रहा है। चुनावी समीकरणों की नई तस्वीर उभर सकती है।
बिहार में जिन चार सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, उनमें से तीन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था, जबकि एक सीट एनडीए के हिस्से में थी।
कर्नाटक में उपचुनाव
कर्नाटक में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो गया। सभी की निगाहें उत्तरी कर्नाटक के शिगगांव और संदूर पर हैं जो 2008 से क्रमशः भाजपा और कांग्रेस का गढ़ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों नेता बसवराज बोम्मई और ई तुकाराम 2008 से क्रमशः शिगगांव और संदूर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और दोनों के हालिया संसदीय चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने अपने गढ़ शिगगांव में बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अपने गढ़ संदूर में तुकाराम की पत्नी अन्नपूर्णा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
छत्तीसगढ़, असम में भी उपचुनाव
छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में मतदान के लिए 13 नवम्बर को होगा। असम के सामगुरी विधानसभा क्षेत्र सीट पर भी 13 नवंबर को ही उपचुनाव होंगे। वहां हिंसा की घटनाएं हुईं, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने आरोप लगाया कि एक-दूसरे के समर्थकों को निशाना बनाकर गोलियां चलाई गईं।
इन जगहों पर उपचुनाव बाद में
चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को यानी 4 नवंबर को 14 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर करने की घोषणा की। इनमें सबसे ज्यादा 9 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कुछ दलों ने त्यौहारों की वजह से तारीख बदलने की मांग की है। पंजाब और केरल की एक सीट पर भी उपचुनाव की तारीख़ बदलकर 20 जनवरी की गई।