कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और हिबी ईडन ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश करने का विरोध करने के लिए गुरुवार को लोकसभा में नोटिस दिया। सपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी प्रस्तावित संशोधनों पर चिंता व्यक्त की और मांग की कि विधेयक को जांच के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए। यह विधेयक पास हुआ तो सरकार को वक्फ संपत्तियों के मामले में सीधे दखल का एक बड़ा अधिकार देगा। लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू इसे गुरुवार को पेश करेंगे।
कांग्रेस और सपा ने इस बिल के खिलाफ ज्यादा मोर्चा खोला हुआ है। सपा सांसद और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने तो भाजपा पर निशाना साधते हुए चुटकी ली कि पार्टी एक रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है और उसे अपना नाम बदलकर "भारतीय ज़मीन पार्टी" कर लेना चाहिए।
अखिलेश यादव ने अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि जब बिल लोकसभा में पेश हो तो सारे सांसद मौजूद हों और जबरदस्त ढंग से इसका विरोध करें। अखिलेश ने गुरुवार को एक ट्वीट के जरिए अपने इरादे बता दिए हैं। अखिलेश ने एक्स पर लिखा- ‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है/ रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है। सपा अध्यक्ष ने कहा- वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें, डिफ़ेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी।’ इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी। अखिलेश ने कहा- भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘ज़मीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।
फैजाबाद (अयोध्या) से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद पासी ने कहा कि यह विधेयक सरकार द्वारा वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, ''बिल को संसद में पेश होने दीजिए, समाजवादी पार्टी अपना रुख स्पष्ट कर देगी।''
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि विधेयक पर सभी स्टेकहोल्डर्स से परामर्श किया जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर संशोधन किया जाना चाहिए। प्रियंका ने कहा- "जिस तरह से यह बिल लाया जा रहा है, मैं पूछूंगी कि क्या इस पर उनके गठबंधन (एनडीए) के भीतर चर्चा हुई है। क्या जेडीयू और टीडीपी ने इस वक्फ बिल को देखा है और अपनी सहमति दी है? अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो सभी स्टेकहोल्डर्स, सांसदों को अवश्य सुना जाना चाहिए।"
कांग्रेस सांसद के. सुरेश का कहना है, ''बुधवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने हमें बताया कि सरकार गुरुवार को प्रश्नकाल के बाद वक्फ एक्ट संशोधन बिल लोकसभा में पेश करेगी। कांग्रेस, टीएमसी समेत विपक्षी पार्टियां, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके ने बिल का विरोध किया। हमने बैठक में कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है, बिना संबंधित मुस्लिम संगठनों और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के, आप किसी राजनीतिक लाभ या ध्रुवीकरण के लिए यह बिल ला रहे हैं। हमने मांग की कि इस बिल को मूल्यांकन या गहन सत्यापन के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाए... पूरा विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है...।”
आरजेडी सांसद मीसा भारती का कहना है, "इंडिया गठबंधन के दल और आरजेडी इस विधेयक का विरोध करेंगे। सरकार बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दों पर बात नहीं कर रही है..." झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद महुआ माझी का कहना है, "किसी विशेष धर्म को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए...।"