विराट कोहली ने शनिवार को भारत के टेस्ट कप्तान का पद छोड़ने की घोषणा की। कोहली ने यह घोषणा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। यह फैसला दक्षिण अफ्रीका से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत की 1-2 से हार के एक दिन बाद आया है। कोहली ने लिखा है - "टीम को सही दिशा में ले जाने के लिए हर रोज 7 साल की कड़ी मेहनत और अथक परिश्रम किया गया है। मैंने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है और वहां कुछ भी नहीं छोड़ा है। हर चीज को किसी न किसी स्तर पर रुकना पड़ता है और मेरे लिए भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में, यह अब है।” कोहली ने भारतीय कप्तान के रूप में उनकी पूरी यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए बीसीसीआई और उनके साथियों को धन्यवाद दिया। बीसीसीआई ने भी उनके फैसले का सम्मान करने की बात कही है। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि बीसीसीआई कोहली के फैसले का सम्मान करती है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है।
उन्होंने कहा, "मैं बीसीसीआई को इतने लंबे समय तक अपने देश का नेतृत्व करने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि टीम के उन सभी साथियों को जिन्होंने पहले दिन से ही टीम का सपना देखा और किसी भी स्थिति में कभी हार नहीं मानी।"
कोहली की जगह रोहित शर्मा को वनडे मैच की कप्तानी दिसम्बर में ही दे दी गई थी। अब टेस्ट की कप्तानी कोहली ने जनवरी में खुद ही छोड़ दी है।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर जो कुछ भी किया है उसमें उन्होंने हमेशा अपना "120 प्रतिशत" दिया है। उन्होंने लिखा है कि "यात्रा में कई उतार-चढ़ाव भी आए, लेकिन प्रयास या विश्वास की कमी कभी नहीं रही। मैंने हमेशा अपने हर काम में अपना 120 प्रतिशत देने में विश्वास किया है। मुझे पता है कि यह करना (इस्तीफा देना) सही नहीं है। मेरे दिल में पूर्ण स्पष्टता है और मैं अपनी टीम के प्रति बेईमान नहीं हो सकता।"
कोहली को 2014 में टेस्ट कप्तान उस समय नियुक्त किया गया था, जब एमएस धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला के बीच में कप्तानी छोड़ दी थी।