जेएनयू में कथित रूप से नॉन वेज खाने को लेकर छात्रों के बीच हुई मारपीट के मामले में एबीवीपी ने सोमवार को अपना पक्ष रखा है। एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एबीवीपी को नॉन वेज खाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने दावा किया कि रविवार को कॉलेज के हॉस्टल में रखी गई राम नवमी की पूजा को ना होने देने की साजिश रची गई थी।
रोहित कुमार ने कहा कि वामपंथी संगठनों को हिंदू त्योहारों को मनाए जाने पर आपत्ति थी। उन्होंने कहा कि जेएनयू के कई हॉस्टल में रविवार को चिकन बना था।
एबीवीपी नेता ने कहा कि रामनवमी से 1 दिन पहले उन्हें धमकी मिलने लगी थी कि रामनवमी की पूजा के दौरान हड्डियां फेंक दी जाएंगी और वामपंथी छात्र संगठनों ने पूजा को रोकने के लिए एक फर्जी नोटिस भी भेजा था।
उन्होंने कहा कि वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े लोग अपने साथ कॉलेज कैंपस में लाठी-डंडे लाए हुए थे। उन्होंने कॉलेज में हंगामा किया और छात्रों को कावेरी हॉस्टल में जाने से रोक दिया और इसके बाद पत्थरों और ट्यूबलाइट से एबीवीपी के छात्रों पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा कि वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने महिलाओं, कमजोरों और दिव्यांग लोगों पर हमला किया। एबीवीपी के सचिव उमेश चंद्र ने भी कहा कि उन्हें नॉन वेज खाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने कहा कि वामपंथी छात्र संगठन कई सालों से हिंदू त्योहारों के दौरान हमला करते रहे हैं।
जेएनयू प्रशासन का बयान
इस मामले में जेएनयू प्रशासन का भी बयान आया है। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि छात्र ऐसी किसी भी गतिविधि से दूर रहें जिससे कैंपस का माहौल खराब होता हो। जेएनयू की कुलपति ने कहा है कि कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रविवार रात को छात्र संगठनों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में 16 छात्र घायल हुए हैं। घायल हुए छात्र जेएनयू छात्र संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ, एसएफआई, बीएसएफ और आइसा की ओर से एबीवीपी के अज्ञात छात्रों के खिलाफ दी गई शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने कहा है कि वह सुबूतों को इकट्ठा कर रही है और दोषियों की पहचान करने की कोशिश जारी है। वामपंथी छात्र संगठनों ने इस मामले में रविवार रात को दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया है।
जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में कई लड़कियों को चोट आई है। जेएनयू में पहले भी एबीवीपी समर्थक छात्रों और लेफ्ट समर्थकों छात्रों के बीच हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं।