विकास यादवः कौन है पूर्व रॉ अफसर, जो कभी CC 1 था, अब यूएस में वॉन्टेड

12:57 pm Oct 18, 2024 | सत्य ब्यूरो

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि हमारी धरती पर हमारे नागरिक और अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश करने वाले भारत के पूर्व अधिकारी विकास यादव उर्फ विक्रम यादव उर्फ अमानत इस मामले में आरोपी हैं। विकास यादव पूर्व रॉ अधिकारी हैं, जिनके बारे में भारत ने यूएस को सूचित किया है कि अब वो सेवा में नहीं हैं। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जब यह साजिश रची जा रही थी, उसी समय पीएम मोदी की यूएस यात्रा होने वाली थी।

यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने गुरुवार को 39 वर्षीय विकास यादव के खिलाफ आपराधिक आरोपों की घोषणा की, जो कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत थे, जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) शामिल है। उस ऑपरेशन के समय उनका नाम सीसी 1 था। 

गुरुवार को नई दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मामले के संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के अभियोग में पहचाने गए व्यक्ति पर एक सवाल का उत्तर देते हुए पुष्टि की कि वह व्यक्ति "अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।" हालांकि भारत में विकास यादव उर्फ सीसी 1 गिरफ्तार है लेकिन एफबीआई ने विकास यादव को "वांछित" भगोड़ों की सूची में डाल दिया है। इसका आशय यह है कि अमेरिका या तो विकास यादव का प्रत्यर्पण करेगा या उसकी जांच एजेंसी यहां आकर पूछताछ कर सकेगी।

विकास यादव पर खालिस्तान समर्थक खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को निर्देशित करने में उनकी भूमिका के संबंध में "हत्या के बदले में हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग" के आरोप हैं। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा, वह "अभी फरार है"। अमेरिकी कोर्ट में जब यह मुकदमा शुरू हुआ था तो विकास यादव की पहचान केवल "सीसी-1" (सह-साजिशकर्ता) के रूप में की गई थी।

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा, "आरोपी, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, ने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ साजिश रची और अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने का प्रयास किया।"  इस मामले में उसका आपराधिक सहयोगी निखिल गुप्ता नामक व्यक्ति है जिसे चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था निखिल गुप्ता को गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में मुकदमे का सामना करने के लिए अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था। निखिल गुप्ता को पिछले साल चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और वह प्रत्यर्पण के बाद अमेरिकी जेल में बंद है।

एफबीआई के मुताबिक अमानत ही विकास है और विकास यादव ही अमानत है। जबकि भारतीय मीडिया में शुरुआत में सीसी 1 का नाम विक्रम यादव बताया गया था। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने कहा, "आज (गुरुवार) के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और खतरे में डालने और उन अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिनका हर अमेरिकी नागरिक हकदार है।" एफबीआई ने विकास यादव की तीन तस्वीरों के साथ एक 'वांटेड' पोस्टर भी जारी किया है। एफबीआई के मुताबिक, उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट 10 अक्टूबर को जारी किया गया था। अब पन्नू मामले में दो आरोपियों की पहचान हो चुकी है। जिसमें से निखिल गुप्ता यूएस की कस्टडी में है और विकास यादव भारत में गिरफ्तार है।


अमेरिका में इस मुकदमे में विकास यादव का जो प्रोफाइल बताया गया है, उसके मुताबिक ''यादव 'सुरक्षा प्रबंधन' और 'खुफिया' सूचनाओं की जिम्मेदारियों के साथ एक 'वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी' है। यादव ने पहले भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में भी काम किया है और 'वॉर एक्सपर्ट' और 'हथियारों' में 'अधिकारी स्तर की ट्रेनिंग' पाई है। यादव भारत का नागरिक और निवासी है और उसने पीड़ित की हत्या की साजिश का निर्देशन भारत से किया था।''

हालाँकि, विकास यादव की एक तस्वीर में उन्हें सेना की लड़ाकू वर्दी में दिखाया गया है, लेकिन उनके पास किसी रैंक का एपॉलेट नहीं है। यह तस्वीर 9 जून 2023 की है। अमेरिकी अभियोग में कहा गया है कि वह मूल रूप से सीआरपीएफ से थे और "सहायक कमांडेंट" थे। 18 पेजों के अभियोग चार्ज में न्यूयॉर्क में एक कार में डॉलर का आदान-प्रदान करने वाले दो व्यक्तियों की तस्वीर भी दी गई है। संघीय अभियोजकों ने कहा कि हत्या के लिए निखिल गुप्ता और विकास यादव की ओर से एक व्यक्ति द्वारा कथित हत्यारे को पैसा दिया जा रहा था। जिसे पन्नू की हत्या करना थी।

अभियोग में आरोप लगाया गया है कि विकास यादव ने अपने सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची। इसके लिए निखिल गुप्ता ने हत्या का काम करने के लिए एक व्यक्ति को काम पर रखा था। अज्ञात व्यक्ति, जो एफबीआई का मुखबिर था, ने नौकरी के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर मांगे और 9 जून, 2023 को अग्रिम भुगतान के रूप में 15,000 अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए।

भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी साजिश से अपने संबंध या संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका के आरोपों के बाद नई दिल्ली ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। यह समिति अमेरिका जांच करने गई थी।  इस पर अमेरिका ने भारत के सहयोग पर संतोष जताया है।