पैसे की धोखाधड़ी पर मौत की सजा? ऐसा हुआ है वियतनाम में। कहा जा रहा है कि यह मामला देश में इतिहास के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में से एक है। इसमें गुरुवार को वियतनाम की एक बड़ी व्यवसायी को मौत की सजा सुनाई गई। इस भ्रष्टाचार केस में अनुमानित 12 बिलियन डॉलर की गड़बड़ी का आरोप है।
तीन चुने हुए जूरी सदस्यों और दो न्यायाधीशों के एक पैनल ने प्रमुख डेवलपर वान थिन्ह फाट की अध्यक्ष ट्रूओंग माई लैन के सभी बचाव तर्कों को खारिज कर दिया। उन्हें एक दशक से अधिक समय में साइगॉन कमर्शियल बैंक से नकदी की हेराफेरी का दोषी पाया गया था। हो ची मिन्ह सिटी में मुकदमे के फैसले में कहा गया कि आरोपी के कारनामों ने कम्युनिस्ट पार्टी और राज्य के नेतृत्व में लोगों का भरोसा कम कर दिया।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी मीडिया ने कहा है कि वियतनाम की एक अदालत ने गुरुवार को रियल एस्टेट टाइकून ट्रूओंग माई लैन को वित्तीय धोखाधड़ी में उसकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई। यह देश की सबसे बड़ी रिकॉर्ड धोखाधड़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार उनका मुक़दमा 5 मार्च को शुरू हुआ और तय समय से पहले ख़त्म हो गया। यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गुयेन फु ट्रोंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रखा है और जिसको ख़त्म करने का वादा उन्होंने वर्षों पहले किया था।
सरकारी मीडिया ने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर वान थिन्ह फाट होल्डिंग्स ग्रुप की अध्यक्ष लैन को हो ची मिन्ह सिटी में एक मुकदमे के अंत में गबन, रिश्वतखोरी और बैंकिंग नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया।
परिवार के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि हम यह देख रहे हैं कि हम क्या कर सकते हैं। फैसले से पहले उन्होंने कहा था कि लैन सजा के खिलाफ अपील करेंगी। सरकारी मीडिया ने अभियोजकों के हवाले से कहा है कि उसने दोष नहीं कबूल किया है।
जांच करने वालों के अनुसार लैन और उसके सहयोगियों पर साइगॉन ज्वाइंट स्टॉक कमर्शियल बैंक से 304 ट्रिलियन डोंग से अधिक की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था। जांचकर्ताओं ने कहा कि 2018 की शुरुआत से अक्टूबर 2022 तक जब सरकार ने एससीबी को उसकी जमा राशि पर रोक लगाने के बाद राहत दी, तो लैन ने शेल कंपनियों को गैरकानूनी ऋण की व्यवस्था करके बड़ी रकम हड़प ली।
वियतनाम में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में सैकड़ों वरिष्ठ राज्य अधिकारियों और हाई-प्रोफाइल बिजनेस अधिकारियों पर मुकदमा चलाया गया या उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।