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मुंबई में 71 टीकाकरण केंद्र बंद, नाराज़ लोगों ने किया प्रदर्शन 

मुंबई में 71 टीकाकरण केंद्र बंद, नाराज़ लोगों ने किया प्रदर्शन 

एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के मामले रफ़्तार पकड़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच घमासान चल रहा है।

एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के मामले रफ़्तार पकड़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच घमासान चल रहा है। महाराष्ट्र जो इस वायरस के संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित है, वहां के सबसे बड़े शहर मुंबई में वैक्सीन की कमी के कारण कोरोना टीकाकरण के 71 केंद्रों को बंद करना पड़ा है। 

निश्चित रूप से यह बेहद ख़राब बात है क्योंकि मुंबई में संक्रमण बेक़ाबू होता जा रहा है और ऐसे वक़्त में केंद्र सरकार को इस राज्य को सबसे ज़्यादा वैक्सीन देनी चाहिए। होना तो यह चाहिए कि महाराष्ट्र के पास अगले 25 दिनों का स्टॉक रहे लेकिन वहां के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि वैक्सीन का कुछ ही दिन का स्टॉक बचा है। 

बंद हो चुके कोरोना के 71 टीकाकरण केंद्रों में से एक बीकेसी का केंद्र भी शामिल है। इस केंद्र के बंद होने पर स्थानीय लोग यहां पहुंचे और प्रदर्शन किया। 

सेंटर के डीन राजेश डेरे ने कहा, “पहले दिन से ही हमें बफर स्टॉक मिल रहा था। बीती रात हमें उम्मीद थी कि अगले दिन के लिए वैक्सीन आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब हमारे पास सिर्फ़ 160 डोज बची हैं।” मुंबई में लगातार 8 हज़ार और उससे ज़्यादा मामले आ रहे हैं, ऐसे में 160 डोज़ से क्या होगा। 

पूरी मुंबई में कोरोना टीकाकरण के 120 केंद्र हैं और इनमें से 71 केंद्रों के बंद होने से लोगों का ग़ुस्सा फूटना लाजिमी है। मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि मुंबई के कई केंद्रों में वैक्सीन ख़त्म हो चुकी है और टीकाकरण का काम रुक चुका है।

महाराष्ट्र सरकार लगातार केंद्र के सामने यह मुद्दा उठा रही है कि राज्य में कई जगहों पर वैक्सीन की कमी के कारण कोरोना के टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है। इनमें मुंबई के अलावा, सतारा, सांगली और पनवेल के इलाक़े शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि गुजरात को महाराष्ट्र के बराबर वैक्सीन क्यों दी जा रही हैं जबकि आबादी और कोरोना संक्रमण के मामले यहां महाराष्ट्र से बेहद कम हैं। 

महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष के तमाम आरोपों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की ज़िम्मेदारी से बचने और वास्तविक स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बातें कही जा रही हैं। 

गहलोत ने लिखी केंद्र को चिट्ठी 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी वैक्सीन की कमी की शिकायत की है और केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। इससे पहले महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा इस तरह की शिकायत कर चुके हैं। गहलोत ने कहा है कि कोरोना के टीकाकरण को जारी रखने के लिए वैक्सीन की फिर से आपूर्ति की जाए। चिट्ठी में लिखा है कि राज्य में जो स्टॉक बचा है, वह अगले 2 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा और केंद्र कम से कम 30 लाख डोज राज्य को भेजे। 

राहुल ने कसा तंज 

मुंबई में 71 जगहों के अलावा उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी वैक्सीन का स्टॉक न होने के कारण कई सेंटर्स को बंद करना पड़ा है। इस बीच केंद्र सरकार लगातार दूसरे देशों को कोरोना की वैक्सीन सप्लाई कर रही है और इसे लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एतराज जताया है। आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर चुकी है। 

राहुल ने शुक्रवार को किए एक ट्वीट में कहा है, “बढ़ते कोरोना संकट के वक़्त वैक्सीन की कमी एक अति गंभीर समस्या है और यह ‘उत्सव’ नहीं है। अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट करना क्या सही है?”

राहुल ने उत्सव की बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है। मोदी ने गुरूवार शाम को मुख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद कहा था, “11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है और इन दिनों के बीच हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाएं और इसे टीका उत्सव की तरह मनाएं।”

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