उत्तराखंड में कौन बनाएगा सरकार?, जानिए राजनीतिक समीकरण
उत्तराखंड में सोमवार को सभी 70 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को कांग्रेस से चुनौती मिल रही है। राज्य में पाँचवीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। कुल 632 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहाँ कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुई है। 2017 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस ने 11 सीटें हासिल की थीं।
बीजेपी ने पिछले साल कुछ महीनों के अंदर लगातार मुख्यमंत्रियों को बदल दिया था और इसे लेकर कांग्रेस ने उसे चुनाव प्रचार के दौरान कटघरे में खड़ा किया था। उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है लेकिन कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने भी मजबूत उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
राज्य में कुल 13 ज़िले हैं और विधानसभा की 70 सीटें हैं।
इन ज़िलों को चुनावी विश्लेषण के लिए दो क्षेत्रों- कुमाऊँ और गढ़वाल के रूप में अलग-अलग देखा जा सकता है।
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2012 के विधानसभा चुनाव में कुमाऊँ में किस पार्टी को कितनी सीटें और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2014 के आम चुनावों में कुमाऊँ में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2017 के विधानसभा चुनाव में कुमाऊँ में किस पार्टी को कितनी सीटें और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2019 के आम चुनावों में कुमाऊँ में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2012 के विधानसभा चुनाव में गढ़वाल में किस पार्टी को कितनी सीटें और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2014 के आम चुनाव में गढ़वाल में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2017 के विधानसभा चुनाव में गढ़वाल में किस पार्टी को कितनी सीटें और कितने प्रतिशत वोट मिले-
नीचे के ग्राफिक्स में पढ़िए, उत्तराखंड में 2019 के आम चुनाव में गढ़वाल में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त और कितने प्रतिशत वोट मिले-
वैसे तो राज्य में अब तक यही होता आया है कि किसी भी पार्टी ने लगातार दो जीत दर्ज नहीं की हैं। देखना होगा कि इस बार क्या बीजेपी सत्ता में बनी रहेगी या फिर कांग्रेस उसे सत्ता से बेदखल कर देगी? इसका पता 10 मार्च को चुनावी नतीजों के बाद ही चल पाएगा।