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उत्तराखंड: हिमस्खलन में 10 पर्वतारोहियों की मौत, कई लापता

उत्तराखंड: हिमस्खलन में 10 पर्वतारोहियों की मौत, कई लापता

उत्तराखंड में प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आ गए हैं? जानिए, सरकार ने उनके बचाव के लिए क्या क़दम उठाए हैं।

उत्तराखंड में द्रौपदी के डंडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन की चपेट में आए कम से कम 10 पर्वतारोहियों की मौत हो गई है और कई अभी भी लापता हैं। पहले ख़बर आई थी कि 29 पर्वतारोही फँस गए थे। हालाँकि, उनमें से 8 को तुरत ही सुरक्षित निकाल लिया गया था। कहा जा रहा है कि वे ट्रेकिंग का प्रशिक्षण ले रहे थे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना की पुष्टि की है। हालाँकि उन्होंने यही कहा है कि हिमस्खलन के बाद द्रौपदी का डंडा शिखर पर जाते समय 28 लोगों के फँसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने राहत और बचाव कार्य के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है।

हिमस्खलन में फँसे प्रशिक्षुओं को जल्द से जल्द बचाने के लिए जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ-साथ एनआईएम की टीम द्वारा तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

समूह का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को मौक़े पर भेजा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक तीन प्रशिक्षु और सभी सात प्रशिक्षक- 10 को बचाया गया है। 

यह दल 23 सितंबर को उत्तरकाशी से चढ़ाई के लिए निकला था। वे सभी उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 40 लोगों के ट्रेकिंग समूह का हिस्सा थे। उनमें 33 प्रशिक्षु और सात प्रशिक्षक शामिल थे।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पर्वतारोही टीम आज सुबह क़रीब 9 बजे 16,000 फीट की ऊँचाई पर हिमस्खलन की चपेट में आ गई। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षित निकाले गए प्रशिक्षुओं को 13,000 फीट की ऊँचाई पर पास के हेलीपैड और फिर देहरादून के लिए रवाना किया जा रहा है।

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