योगी आदित्यनाथ रविवार को दिल्ली में थे। वह प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के कई नेताओं से मुलाकात की। समझा जाता है कि इस मुलाकात में शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रियों के नामों की चर्चा हुई। योगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष रतन देव सिंह, मंत्री सुनील बंसल, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह भी रहे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नए उपमुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट में कई नए चेहरों पर भी विचार कर रही है। अनुमान है कि बीजेपी नेतृत्व ने योग्यता, जाति और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर संभावित उपमुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की एक बुनियादी सूची तैयार की है ताकि मंत्रिमंडल में हर जाति को जगह मिल जाए। अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व का होगा।
उपमुख्यमंत्री पद के लिए स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर चर्चा चल रही है। स्वतंत्र देव सिंह परिवहन मंत्री थे, इसके अलावा वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। केशव प्रसाद मौर्य इस चुनाव में सिराथू सीट से जरूर हारे हैं लेकिन वह ओबीसी चेहरा हैं। उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राज्य को अच्छी तरह से संचालित किया है, इसलिए उन्हें एक बार फिर उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और उत्तर प्रदेश में जाटव समाज का जाना-माना चेहरा हैं। ब्राह्मण समुदाय के बृजेश पाठक उत्तर प्रदेश सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह, जो कुर्मी नेता भी हैं, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की बड़ी जीत के प्रमुख चेहरों में से एक थे।
लखनऊ छावनी सीट से जीते कानून मंत्री बृजेश पाठक को योगी सरकार में ब्राह्मण समीकरण बनाए रखने के लिए उपमुख्यमंत्री की भूमिका मिल सकती है।
नई यूपी सरकार में दो पूर्व पुलिस अधिकारियों राजेश्वर सिंह और असीम अरुण को भी कुछ जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से नवनिर्वाचित विधायक डॉ राजेश्वर सिंह यूपी पुलिस के अधिकारी थे। कन्नौज (सदर) सीट से बीजेपी विधायक असीम अरुण ने जीत हासिल की है। असीम अरुण एडीजी रैंक के अधिकारी थे। कानपुर के पहले पुलिस आयुक्त होने से पहले असीम अरुण के पिता स्वर्गीय राम अरुण उत्तर प्रदेश के दो बार डीजीपी थे।
पार्टी के कई नेताओं ने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की है। इसमें नोएडा विधानसभा सीट से उम्मीदवार और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह ने 1,81,513 मतों के अंतर से जीत हासिल की है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता पंकज सिंह को योगी कैबिनेट में जगह देने पर भी बात कर रहे हैं। अभी तक नोएडा से किसी को भी योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी, ऐसे में उम्मीद है कि इस बार 2017 और अब 2022 में भी शानदार प्रदर्शन करने वाले पंकज सिंह को योगी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
योगी के करीबी और अनुभवी पत्रकार शलभ मणि त्रिपाठी को योगी कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। शलभ पहले भी एबीवीपी में रह चुके हैं। सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी को भी कैबिनेट में जगह मिलेगी-एमएलसी आशीष पटेल और संजय निषाद को अहम भूमिका मिल सकती है। नए चेहरों के अलावा शाहजहांपुर सीट से लगातार नौवीं बार प्रचंड जीत हासिल करने वाले सुरेश खन्ना जैसे पुराने नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
योगी सरकार का शपथ ग्रहण 15 या 21 मार्च को होने की संभावना है।
विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद, आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में पार्टी कार्यालय में अपने मंत्री सहयोगियों के साथ बैठक की। साधु से नेता बने आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहरी निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव 1,03,390 के अंतर से जीता, उन्होंने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुभावती उपेंद्र दत्त शुक्ला को हराया, जिन्होंने हाल ही में संपन्न यूपी विधानसभा चुनावों में 62,109 वोट हासिल किए। आदित्यनाथ पिछले 37 वर्षों में राज्य में पूर्ण कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता में लौटने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे।