यूपी: झूठा निकला सोनभद्र में सोने का भंडार मिलने का योगी सरकार का दावा

11:16 am Feb 23, 2020 | कुमार तथागत - सत्य हिन्दी

उत्तर प्रदेश की ग़रीबी दूर करने और रामराज लाने का दावा करने वाली योगी सरकार औंधे मुंह गिरी है। शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने सोनभंद्र जिले में 3350 टन सोने का भंडार मिलने का दावा किया था और इसकी बाज़ार में कीमत 12 लाख करोड़ रुपये के लगभग बतायी थी। योगी सरकार का कहना था कि यह सोने का भंडार भारत में उपलब्ध कुल सोने से 5 गुना ज्यादा है। लेकिन शनिवार को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (जीएसआई) ने कहा है कि सोनभद्र से महज 160 किलो सोना निकाला जा सकता है। 

जीएसआई ने कहा है कि यह सोना बहुत औसत दर्जे का होगा और इसे निकालने की लागत सोने की वास्तविक क़ीमत से कहीं ज्यादा होगी। जीएसआई के इस बयान के बाद बैकफ़ुट पर आयी उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार देर रात को कहा कि सोने की इतनी मात्रा मिलने का दावा सही नहीं है। जीएसआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग के साथ मिलकर सोनभद्र में सोने सहित अन्य खनिजों की खोज का अभियान चलाया था। यह अभियान बीते दो दशकों से चल रहा है।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग की ओर से कहा गया था कि सोने के इस भंडार से विंध्य क्षेत्र के इस पिछड़े जिले की ही नहीं बल्कि प्रदेश व देश की ग़रीबी दूर हो जाएगी। उत्साही खनन विभाग के अधिकारियों ने तो यहां तक कह दिया कि सोने की इस खान की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। 

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोनभद्र में कहा कि जहां सोने का भंडार मिला है वहां नाग देवता भी रहते हैं और नाग देवता हमारे भोले बाबा के गले का हार हैं। उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिले में सोने के अलावा यूरेनियम का भंडार मिलने की भी संभावना है।

वैज्ञानिकों ने उड़ाई हंसी 

प्रदेश सरकार के इस दावे के सामने आते ही सवाल खड़े होने लगे थे। भू-वैज्ञानिकों का कहना था कि प्रति टन अयस्क में कितना सोना मिल सकता है इसका अनुमान लगाए बग़ैर कैसे यह दावा कर दिया गया कि 3350 टन सोना मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने न तो सोने की ग्रेड बतायी और इसे निकालने की प्रक्रिया क्या होगी, यह भी नहीं बताया। जीएसआई ने साफ़ किया कि मीडिया में सोने की मात्रा व क़ीमत को लेकर चल रही ख़बरें गलत हैं और महज 3.03 ग्राम सोना ही एक टन अयस्क से मिल सकता है। 

जीएसआई के निदेशक आशीष कुमार नाथ का कहना है कि बहुत मशक्कत के बाद कुल 160 किलो सोना निकाला जा सकता है। भू-गर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि सोना निकालने की लागत इतनी ज्यादा होगी कि उसके मुक़ाबले बाज़ार में मिलने वाला सोना सस्ता होगा। भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि महज उपस्थिति के आधार पर सर्वे रिपोर्ट में खनिज के बारे में संभावना जतायी गयी और उसके आधार पर सरकार का इस तरह के दावे कर देना सही नहीं है।

ललितपुर में प्लेटिनम मिलने का दावा

सोनभद्र में सोने के भंडार पर मुंह की खाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को दावा कर दिया कि ललितपुर में प्लेटिनम का भंडार है। केशव प्रसाद मौर्य ने इसी आधार पर जनसभा में इस बात का एलान भी कर डाला। भू-तत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक रौशन जैकब ने बताया कि विभाग की सर्वे टीम ने ललितपुर में प्लेटिनम होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह पुख्ता करने के लिए कि प्लेटिनम का भंडार है या नहीं, सबसे उच्च श्रेणी का जीथ्री सर्वे कराया गया। 

जैकब ने बताया कि प्लेटिनम निकालने के लिए खनन से पहले जीएसआई सर्वे कराने का फ़ैसला किया गया है। उधर, भू-वैज्ञानिकों ने इस दावे को भी आधा सच बताया है। उनका कहना है कि बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों जैसे हमीरपुर व ललितपुर में, प्लेटिनम की उपस्थिति के संकेत पहले भी मिले हैं पर उसकी गुणवत्ता को लेकर संदेह है। साथ ही वहां से निकासी की लागत भी बहुत ज्यादा हो सकती है जिसके चलते व्यावसायिक नजरिए से यह बेहतर सौदा नहीं हो सकता है।