यूपीः संभल पुलिस अधिकारी के विवादित बयान को योगी का खुला समर्थन

03:39 pm Mar 09, 2025 | सत्य ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी के बयान का समर्थन किया है।इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक संभल के सीओ अनुज चौधरी ने एक विवादास्पद बयान दिया था कि होली साल में एक बार मनाई जाती है, जबकि शुक्रवार की नमाज़ हर हफ्ते होती है। इसलिए लोग 14 मार्च जुमे को नमाज अपने घर में पढ़ें।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 6 मार्च को संभल कोतवाली में एक शांति समिति की बैठक हुई, जिसका मकसद सांप्रदायिक सद्भाव कायम करना था। क्योंकि इस साल 14 मार्च को होली और रमज़ान के दौरान शुक्रवार की नमाज़ एकसाथ पड़ रही थी। बैठक के दौरान, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) अनुज चौधरी ने कहा, "रंगों का त्योहार साल में केवल एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। इसलिए मैं अपने मुस्लिम भाइयों को सलाह देता हूं, जो सोचते हैं कि शुक्रवार की नमाज़ के लिए जाते समय उन पर रंग पड़ना एक अधर्मी कार्य होगा, वे घर के अंदर रहें जब तक कि सड़कों पर होली का उत्सव समाप्त न हो जाए।"

पहले संभल के डीएसपी अनुज चौधरी का विवादित बयान सुनिये- 

पुलिस अधिकारी ने संभल में हुई शांति समिति में जो बातें कहीं थीं, वही उन्होंने बैठक से निकलने के बाद मीडिया बाइट में भी कहा। उसे भी सुनिये- 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंडिया टुडे के कार्यक्रम में शनिवार को कहा कि पुलिस अधिकारी (अनुज चौधरी) ने एक "पहलवान" के रूप में बात की होगी। चौधरी एक पूर्व पहलवान और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं। आदित्यनाथ ने धार्मिक नेताओं को दोपहर 2 बजे के बाद शुक्रवार की नमाज़ अदा करने का फैसला करने के लिए भी धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, "त्योहारों के दौरान हमें एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। नमाज़ हर शुक्रवार को अदा की जाती है, लेकिन होली साल में केवल एक बार आती है। नमाज़ को टाला जा सकता है, और अगर कोई समय पर (सामान्य समय दोपहर 1.30 बजे) शुक्रवार की नमाज़ अदा करना चाहता है, तो वह अपने घर में रहकर ऐसा कर सकता है। नमाज़ के लिए मस्जिद जाना अनिवार्य नहीं है।" हालांकि अनुज चौधरी को शायद यह नहीं मालूम की जुमे की नमाज़ समूह में ही पढ़ी जाती है और उसके लिए ही लोग मस्जिद जाते हैं।

पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी के बयान को पूर्व पुलिस अधिकारियों ने पसंद नहीं किया। यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान सुनिये-

उत्तर प्रदेश में विपक्ष और मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी संभल पुलिस अधिकारी के बयान पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के अधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।

सपा के सांसद और महासचिव राम गोपाल यादव ने दावा किया कि संभल में दंगे कराने वाला अनुज चौधरी ही था। "आप एक ऐसे पुलिसकर्मी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जिसने हिंसा के दौरान लोगों को भड़काया। ऐसे लोग तब जेल में होंगे जब सरकार बदलेगी।"

कांग्रेस नेता आदित्य गोस्वामी ने डिप्टी एसपी के खिलाफ मोरादाबाद के डीआईजी मुनीराज जी से शिकायत की। उन्होंने कहा, "यह पुलिसकर्मी धर्म के नाम पर लोगों के बीच दरार पैदा करने और नफरत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उनका बयान अत्यंत आपत्तिजनक था, जो केवल दोनों समुदायों के बीच नफरत पैदा करेगा।"

डीएसपी को संभल के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. राजेंद्र पेंसिया से भी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिन्होंने निर्देश जारी किए कि उनकी या एसपी की अनुमति के बिना किसी भी अधिकारी को कोई सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए। डीएम ने शनिवार को कहा, "जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति बनाए रखना है। किसी भी अधिकारी को ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जो किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए।"

चौधरी कुछ महीने पहले सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अपनी पुलिस वर्दी में भगवान हनुमान का गदा लेकर एक धार्मिक जुलूस का नेतृत्व किया था। जनवरी में इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें स्पष्टीकरण मांगते हुए एक नोटिस मिला था।

डीएसपी अनुज चौधरी विवाद पर एबीपी चैनल की इस रिपोर्ट को देखिये- 

संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और सैकड़ों मुस्लिमों को गिरफ्तार कर लिया गया। बीजेपी ने पुलिस और उसके प्रशासन को इस हिंसा में पूरी तरह दोषमुक्त कर दिया। दूसरी तरफ कांग्रेस और सपा ने संभल हिंसा के लिए बीजेपी और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था।

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)