दो दिन पहले मंत्री बनाए गए यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद सबसे ज्यादा पावर उनके ही पास है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यह कहने की कोशिश की कि उन्हें पीएम मोदी-अमित शाह के आशीर्वाद से मंत्री बनाया गया है। इसलिए खुद को पावरफुल मानते हैं। यह तथ्य है कि 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहने पर राज्यपाल ने ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। योगी ने राजभर के बयानों से परेशान होकर कदम उठाया था।
जहूराबाद समेत गाजीपुर और आसपास के जिलों में अपने मतदाताओं के बीच नेताजी के नाम से लोकप्रिय ओमप्रकाश राजभर के पास लोग किसी भी समय उनके लखनऊ आवास पर पहुंच जाते हैं। किसी को निराश होना नहीं पड़ता है। सबसे ज्यादा लोग पुलिस के मामले लेकर आते हैं। यही वजह है कि इस बार मंत्री बनने पर वो बार-बार अपनी पावर की बात वोटरों और अधिकारियों को सुना रहे हैं। उनका यह बयान खासा चर्चा में है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में बुधवार को एक कार्यक्रम में ओमप्रकाश राजभर ने कहा- ...पुलिस दौड़ाए तो नेता बन जाओ, वही पुलिस सेल्यूट करेगी। थाने पर जाओ सफेद गमछा मत लगाओ, पीला गमछा लगाओ, दरोगा की हिम्मत नहीं जो मुझे फोन कर दे, एसपी और डीएम की औकात नहीं जो मुझे फोन करे कि क्या आपने भेजा था। मुझे 'शोले' फिल्म का डाकू गब्बर सिंह समझें। अगर आपको कोई समस्या है, तो किसी भी पुलिस स्टेशन जाएं...इंस्पेक्टर को बताएं कि मैंने आपको भेजा है। इंस्पेक्टर के पास इस बारे में मुझसे सवाल करने की कोई ताकत नहीं है।"
राजभर ने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के साथ डायरेक्ट कनेक्शन हैं। योगी के बाद सबसे बड़ी मेरी हैसियत।
अलग पूर्वांचल राज्य बनाएंगे राजभर
इससे पहले बलिया में ओमप्रकाश राजभर ने कहा- थोड़ी ताकत दो राजभरों की सरकार बना देंगे। इस बात को आगे बढ़ाते हुए राजभर ने कहा कि जल्द यूपी को अलग कर पूर्वांचल बनाएंगे। मैं खुद पूर्वांचल का सीएम बनूंगा, तब किसी से कुछ मांगना नहीं पड़ेगा। न आवास मांगना पड़ेगा और न शौचालय। जहां पर राजभर मुख्यमंत्री जाएगा, वहीं-वहीं प्रशासन जाएगा। मैं अंदर ही अंदर काम कर रहा हूं। बहुत सी बातें तो आप लोगों को पता भी नहीं हैं।राजभर के बयान योगी सरकार को असहज कर रहे हैं। हालांकि अभी शुरुआती मामला है, इसलिए भाजपा और योगी समर्थक चुप हैं। राजभर को मंत्री बनाने की बात जब दिल्ली से लेकर लखनऊ तक चली तो योगी खेमे ने बहुत उत्साह नहीं दिखाया। बल्कि खबरें यहां तक आईं कि योगी ने अंतिम समय तक राजभर को मंत्री बनाने का विरोध किया। लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के जातीय समीकरण को देखते हुए मोदी और अमित शाह ने खुद निर्णय लिया। 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट पाने के लिए पूर्वी यूपी में भाजपा को खासी मशक्कत करना पड़ी थी। 2022 में अंबेडकर नगर जिले में तो भाजपा एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई थी।
इस बीच यूपी सरकार में नए कैबिनेट मंत्रियों को विधानसभा में दफ़्तर आवंटित हो गए हैं। ओम प्रकाश राजभर को विधानसभा में दफ़्तर नंबर 62 आवंटित किया गया है। अन्य तीन मंत्री दारा सिंह, अनिल कुमार और सुनील शर्मा को भी नए दफ़्तर आवंटित किए गए हैं।