चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद नौ में से सात सीटों पर आगे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) दो सीटों पर आगे है। मीरापुर में रालोद के मिथिलेश पाल 18281 वोटों से आगे हैं। कुंदरकी में भाजपा के रामवीर सिंह 64,690 वोटों से, गाजियाबाद में संजीव शर्मा 38,007 वोटों से, खैर में सुरेंद्र दिलेर 19,884 वोटों से, मझवां में शुचिस्मिता मौर्य 2,772 वोटों से बढ़त बनाए हुए है।
इस बीच, करहल से तेज प्रताप यादव 23,655 वोटों से, सीसामऊ से नसीम सोलंकी 14,536 वोटों से और कटेहरी से शोभवती वर्मा 2,929 (सभी सपा प्रत्याशी) वोटों से सपा आगे चल रही है। आरएलडी, जो अब भाजपा के साथ गठबंधन कर चुकी है, मीरापुर में आगे चल रही है, यह सीट 2022 में सपा के पास थी। कांग्रेस ने उपचुनाव में सपा का समर्थन किया लेकिन चुनाव नहीं लड़ा। बसपा और एआईएमआईएम ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे, जबकि आज़ाद समाज पार्टी ने नौ में से आठ प्रत्याशी उतारे।
उत्तर प्रदेश उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। करहल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज प्रताप सिंह यादव ने सत्ता के कथित दुरुपयोग के बावजूद महत्वपूर्ण जीत का विश्वास व्यक्त किया। तेज प्रताप ने कहा- “प्रशासन ने हमारे कार्यकर्ताओं और लोगों को लगातार परेशान किया, फिर भी वे डटे रहे और डटकर मुकाबला किया। हम अच्छे अंतर से जीत को लेकर आशावादी हैं।'' मतदान के दिन की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव के वीडियो वायरल हुए, जिसमें दिखाया गया कि कैसे पुलिस ने भाजपा की ओर से मीरापुर और कुंदरकी में काम किया। इसे सभी ने देखा और जाना है। इन चुनौतियों के बावजूद, हमें अच्छी संख्या में वोटों से जीत की उम्मीद है।''
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा की आलोचना करते हुए दावा किया कि उपचुनाव लोकतंत्र और तानाशाही के बीच की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावों में हेरफेर करने के लिए राज्य मशीनरी का इस्तेमाल किया। प्रसाद ने कहा, "आजादी के बाद यह पहला चुनाव है जहां लोकतंत्र बनाम तानाशाही है।" उन्होंने भाजपा पर परिणामों को प्रभावित करने के लिए पुलिस और सरकारी अधिकारियों का उपयोग करके सभी लोकतांत्रिक सीमाओं को पार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि अगर बीजेपी सीट नहीं जीतती है तो अधिकारियों को निलंबित करने की धमकी दी गई है।"
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले की आलोचना करते हुए इसे "परिवार विकास एजेंसी" कहा। मौर्य ने कहा, "अखिलेश यादव का पीडीए फॉर्मूला एक धोखाधड़ी है। इसका मतलब 'परिवार विकास एजेंसी' है।" उनके असली इरादे लोगों के सामने आ गए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जो झूठ और फरेब फैलाया वह अब नहीं चलेगा।''
भाजपा 251 विधायकों के साथ यूपी विधानसभा में बहुमत बनाए हुए है, जबकि सपा के पास 105 सीटें हैं। अपना दल (सोनेलाल), आरएलडी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निषाद पार्टी जैसे सहयोगी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ हैं।