हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड की खबर जुटाने जा रहे गिरफ़्तार पत्रकार सिद्दिक कप्पन को कोरोना संक्रमण हो गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर कहा है कि कप्पन के साथ मानवीय व्यवहार किया जाए और उनके इलाज की व्यवस्था की जाए।
याद दिला दें कि मलयालम भाषा के पत्रकार सिद्दिक कप्पन हाथरस बलात्कार कांड की खबर जुटाने जा रहे थे कि रास्ते में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया, उन पर अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रीवेन्शन एक्ट (यूएपीए), आतंकवाद निरोधी क़ानून और दूसरे क़ानून लगा दिए गए और जेल में डाल दिया गया।
विजयन ने आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में कहा है,
“
कप्पन का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, इसके बावजूद उन्हें जेल में बिस्तर के साथ जंजीरों से बाँध कर रखा गया है। आपसे मेरी गुजारिश है कि आप स्वयं हस्तक्षेप करें ताकि कप्पन के साथ मानवीय व्यवहार किया जा सके।
पिनराई विजयन, मुख्यमंत्री, केरल
विजयन ने यह भी कहा है कि 'आम जनता और पत्रकार समुदाय के लोग इस पर बहुत ही चिंतित हैं कि कप्पन बीमार हैं, और उनके मानवाधिकारों का भी उल्लंघन किया जा रहा है।'
पत्नी ने लगाई मुख्य न्यायाधीश से गुहार
इसके एक दिन पहले यानी रविवार को कप्पन की पत्नी राइहानाथ ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना को चिट्ठी लिख कर कहा था कि कप्पन की जान ख़तरे में हैं। उन्होंने खत में लिखा था कि कप्पन बीमार हैं, उन्हें कोरोना हो गया, वे कमजोर हैं और यकायक ज़मीन पर गिर पड़े। लिहाज़ा उन्हें के. एम. मेडिकल कॉलेज में दाखिला करा दिया जाए।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने जो एफ़आईआर दर्ज की थी, उसमें यह कहा गया था कि कप्पन समेत गिरफ़्तार किए गए चारों लोग 'सीएएआरडी.कॉम' नामक वेबसाइट चला रहे थे, उससे अपारदर्शी तरीके से पैसा एकत्रित किया जा रहा था और उस वेबसाइट से दंगा भड़काने की कोशिश की जा रही थी।
पुलिस ने कहा था कि उसे यह जानकारी मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग दिल्ली से हाथरस जा रहे है और उसने उन्हें बीच में ही रोक लिया। ये चार लोग थे- अतीक-उर-रहमान, सिद्दिक़ कप्पन, मसूद अहमद और आलम। पुलिस ने उन्हें मथुरा के पार से हिरासत में लिया था।
तिहाड़ में खालिद उमर को कोरोना
दंगे के आरोप में फँसाए गए और तिहाड़ जेल में बंद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को भी कोरोना संक्रमण हो गया है। उन्हें तिहाड़ के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। बीमारी के लक्षण सामने आने के बाद उमर खालिद की जाँच कराई गई थी। शनिवार को आए जाँच नतीजे में संक्रमण की पुष्टि हो गई।
याद दिला दें कि जेएनयू के इस पूर्व छात्र पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के ख़िलाफ़ साल 2020 में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाने और सांप्रदायिक अशांति फैलाने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने 13 सितंबर 2020 को खालिद को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दस घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।