अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर राज्य भर के मंदिरों में क़रीब एक हफ्ते तक रामकथा जैसे आयोजन होंगे। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी से 22 जनवरी तक राम मंदिरों, हनुमान मंदिरों और वाल्मीकि मंदिरों में रामकथा, रामायण पाठ, भजन/कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाएँ।
इसके लिए यूपी के सभी मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में श्रीराम जी के नैतिक, सामाजिक और मानव मूल्यों की स्थापना का आदर्श पेश किया गया है, इसका संरक्षण किया जाना चाहिए और इसकी जानकारी आम लोगों तक पहुँचायी जानी चाहिए।
सरकार ने कहा है कि वाल्मीकि रामायण में लिखित श्रीराम जी के आदर्शों, मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में जन मानस को जोड़ा जाए। इसमें सुंदरकांड पाठ जैसे विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाएँ।
धार्मिक आयोजनों में कलाकारों के भजन/कीर्तन जैसे आयोजन करने को कहा गया है और यह भी कहा गया है कि इनका भुगतान संस्कृति विभाग करे। सरकार के निर्देश में कहा गया है कि मंदिरों का चयन स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा पहले ही कर लिया जाए और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए जिला स्तर पर नोडल और सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएँ।
बता दें कि भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होना है। समय 12.20 मिनट का समय तय किया गया है। अभिजीत मुहूर्त में यह कार्यक्रम होगा। श्रीराम जन्मभूमि के क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा पूजन के बाद 23 जनवरी से 48 दिनों की पूजा राम मंदिर परिसर में की जाएगी। 48 दिनों की इस पूजा को मंडल पूजा कहा गया है। यह पूजा मार्च तक चलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक समीक्षा बैठक के बाद अयोध्या में 22 जनवरी की तारीख के लिए सभी होटल्स और धर्मशाला आदि में प्री-बुकिंग को कैंसिल कर दिया है। सरकार ने कहा है कि श्री राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए देश- दुनिया से कई गणमान्य श्रद्धालु, नेता, साधु- संत और राम भक्त पहुंचेंगे। ऐसे वीवीआईपी सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते पहले से पूजा- पाठ का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।