पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब बुधवार शाम को वाराणसी पहुंचीं तो हिंदू युवा वाहिनी के नेताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए और जय श्रीराम के नारे भी लगाए। लेकिन ममता ने इसका शांतिपूर्वक जवाब दिया। ममता बनर्जी दशाश्वमेघ घाट की सीढ़ियों पर बैठ गईं और वहां से उन्होंने गंगा आरती को देखा। वह गंगा आरती में भाग लेने पहुंची थीं।
ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के समर्थन में प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश आई हुई हैं। ममता ने जय श्री राम के नारों का जवाब जय हिंद और जय यूपी के नारों से दिया।
बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी ममता बनर्जी को देखकर बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर जय श्रीराम के नारे लगाए थे और तब ममता बनर्जी ने इसका जवाब जय हिंद और जय बांग्ला के नारे से दिया था।
ममता ने गुरुवार को एक चुनावी जनसभा में कहा कि उन पर कई बार हमला किया जा चुका है लेकिन वह कभी झुकी नहीं हैं और एक फाइटर हैं। ममता ने कहा कि वाराणसी में बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा उन पर हमला करना यह बताता है कि बीजेपी चुनाव हार रही है। बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र है और यहां सातवें चरण में 7 मार्च को वोटिंग होनी है।
सपा ने कहा है कि हार के डर से बीजेपी के नेताओं ने इस तरह की हरकत की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ममता बनर्जी को काले झंडे दिखाना बीजेपी की हताशा का एक और उदाहरण है क्योंकि वे लोग जानते हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश में हार मिल रही है।
ममता बनर्जी यूपीए से इतर विपक्षी दलों का एक फ्रंट बनाने की दिशा में काम कर रही हैं और वह इसकी कयादत करना चाहती हैं। अगर उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे बीजेपी के लिए खराब रहते हैं तो यह माना जा सकता है कि ममता की अगुवाई में बनने वाले ऐसे किसी फ्रंट में अखिलेश यादव भी उनके साथ रहेंगे।
ममता बनर्जी ने बीजेपी के द्वारा बंगाल विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगाने के बाद भी उसे करारी शिकस्त दी थी।