नागरिकता संशोधन क़ानून की आँच उत्तर प्रदेश में भी पहुँच गई है। अलीगढ़ और लखनऊ में जहाँ बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं वहीं प्रदेश के दर्जन भर ज़िलों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में हालात पर काबू पाने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। प्रदेश में कई संवेदनशील ज़िलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। अलीगढ़, सहारनपुर सहित कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएँ बंद की गईं। कई इलाक़ों में तो रविवार रात को केबल टीवी का प्रसारण भी रोक दिया गया था।
अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध-प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा। राजधानी लखनऊ में नदवा विश्वविद्यालय के छात्रों ने पुलिस पर पथराव करते हुए बड़े पैमाने पर अपना विरोध जताया। अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, जौनपुर, लखनऊ, कैसरगंज, आजमगढ़, बनारस और मेरठ सहित प्रदेश के कई शहरों में विरोध हो रहा है।
जामिया विश्वविद्यालय दिल्ली और एएमयू में छात्रों पर पुलिसिया कहर की ख़बरें आने के बाद प्रदेश भर में छात्रों ने बवाल करना शुरू कर दिया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में जामिया और एएमयू छात्रों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन हुआ तो इलाहाबाद में किसी आशंका के चलते सोमवार को विश्वविद्यालय बंद कर दिया गया। हालाँकि इसके बाद भी बड़ी तादाद में छात्रों ने इलाहाबाद में विरोध जताया।
नदवा में पथराव के बाद लंबी छुट्टी घोषित
जामिया में छात्रों के साथ हिंसा की ख़बरें बाहर आने के साथ ही लखनऊ में दारुल उलूम नदवातुल इसलाम में रविवार की रात से छात्रों का बवाल शुरू हो गया था। रविवार की आधी रात से ही नदवा से सैकड़ों छात्रों ने बाहर निकल कर सड़क पर विरोध जताना शुरू कर दिया था। रविवार रात को नदवा शिक्षकों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह अपने कमरों में वापस गए छात्रों ने सोमवार की सुबह फिर से विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों ने नदवा के बाहर सड़क पर पत्थरबाज़ी भी की और पुलिस के साथ धक्कामुक्की की। नदवा के प्राचार्य राबे हसन नदवी के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह छात्रों को अंदर धकेला जा सका। हालाँकि वहाँ भारी तादाद में पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
हालात बेकाबू होते देख लखनऊ के नदवा में पाँच जनवरी तक के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया। राजधानी लखनऊ के एक और निजी संस्थान इंटिग्रल यूनिवर्सिटी में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। यहाँ भी विश्वविद्यालय को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया।
अलीगढ़ में हालात बेकाबू
अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय यानी एएमयू में हालात रविवार से ही बेकाबू हो गए। यहाँ दिन भर चला विरोध-प्रदर्शन देर रात को जामिया में पुलिस की बर्बरता के क़िस्से सामने आने के बाद हिंसक हो उठा। यहाँ पुलिस ने भी जमकर तोड़फोड़ की और छात्रों की गाड़ियाँ तोड़ दीं। सोमवार की सुबह से एएमयू में फिर से बवाल शुरू हो गया और छात्र हॉस्टलों से निकल कर सड़कों पर आ गए। अलीगढ़ के शाह जमाल ईदगाह में क़रीब एक लाख की भीड़ सोमवार की सुबह इकट्ठा हो गई थी। इस भीड़ में ज़्यादातर लोग अलीगढ़ शहर के थे। छात्रों से एएमयू परिसर खाली कराने के आदेश दे दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एएमयू में पाँच जनवरी तक के लिए अवकाश घोषित कर दिया है। ज़िलाधिकारी ने अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाएँ रविवार की रात से ही बंद करवा दी थीं। प्रदेश सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए आगरा में तैनात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय आनंद को अलीगढ़ भेज वहीं कैंप करने को कहा है।
लखनऊ सहित कई ज़िलों में प्रदर्शन
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ और जामिया सहित एएमयू में छात्रों पर हुई हिंसा के विरोध में राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। आजमगढ़, कुंडा, कैसरगंज, कानपुर, आगरा, सहारनपुर, मेरठ, बनारस, इलाहाबाद सहित कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतर कर रोष जता रहे हैं। राजधानी लखनऊ में नागरिक समाज के लोगों, कई संगठनों ने गुरुवार यानी 19 दिसंबर को नागरिकता क़ानून के विरोध में मार्च का एलान किया है। यूपी में विरोध की अगुवाई का ज़िम्मा प्रोफ़ेसर रूपरेखा वर्मा, प्रो. रमेश दीक्षित सहित कई साहित्यकारों, पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संभाल रखा है। जौनपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़ से लेकर प्रदेश के कई शहरों में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों में वरिष्ठ लोग पहुँच रहे हैं। नागरिकता क़ानून के विरोध में कुछ हिन्दू धर्मावलंबियों को भी सड़क पर उतारे जाने की योजना है।
पुलिस ने बनाया कंट्रोल रूम
डीजीपी ओपी सिंह ने हालात पर नज़र रखने के लिए पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इधर विरोध-प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि किसी को माहौल बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन क़ानून के संदर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी प्रकार की अफ़वाह पर ध्यान न दें।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी क़ानून का पालन करें। राज्य में कायम अमन चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं हैं।