कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली से चुनाव जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। ऐसे में पार्टी को यहां से जीत दिलाने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पार्टी के अभियान की अगुवाई करती दिख रही हैं।
सोमवार को वह अमेठी पहुंची हैं, इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के लोगों से संवाद किया है। प्रियंका के आगमन के साथ ही कांग्रेस ने मिशन अमेठी-रायबरेली की शुरुआत कर दी है।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि कांग्रेस ने भले ही यूपी के अपने गढ़ अमेठी और रायबरेली के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में देरी की हो, लेकिन उसने यह स्पष्ट करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया है कि पांचवें चरण में इन दो सीटों पर उसका ध्यान केंद्रित रहेगा।
पार्टी ने अपने दो शीर्ष नेताओं को इन सीटों के लिए अपना सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को अमेठी की जिम्मेदारी दी गई है जबकि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रायबरेली में चुनाव तैयारियों की निगरानी करने के लिए कहा गया है।
सोमवार को रायबरेली में प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह मतदान के अंत तक क्षेत्र से नहीं हटेगी।
रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर के प्रियंका ने उनसे दोनों सीटों के चुनाव प्रचार के लिए बचे समय में से अधिकतम समय देने के लिए कहा है। उन्होंने कांग्रेस के अमेठी सीट से उम्मीदवार किशोरीलाल शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने इनके साथ 1999 में अमेठी से अपनी मां सोनिया गांधी के पहले चुनाव के दौरान काम किया था।
उन्होंने कहा कि जब अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के बारे में चर्चा चल रही थी, तो शर्मा चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें। प्रियंका ने कहा कि मैंने उनसे चुनाव में उतरने के लिए कहा। प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं यहां अपने बड़े भाई और सहयोगी किशोरीलाल जी के चुनाव प्रचार का प्रबंधन करने आई हूं।
रायबरेली में मुकाबला राहुल और एमएलसी और यूपी के बागवानी मंत्री दिनेश सिंह के बीच है, जबकि अमेठी में किशोरी लाल शर्मा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से होगा।
प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से किया संवाद
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि कार्यकर्ताओं के साथ हुई इस बैठक में प्रियंका गांधी ने अमेठी में राहुल गांधी की हार के बारे में बात करते हुए प्रियंका ने उस समय का जिक्र किया जब उनकी दादी रायबरेली से चुनाव हार गई थीं।उन्होंने कहा कि रायबरेली की जनता शायद इंदिरा गांधी से नाराज थी, लेकिन वह उनसे कभी नाराज नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि आख़िरकार रायबरेली की जनता ने इंदिरा जी को सही रास्ता दिखाया।
जब इंदिरा जी यहां से हार गईं तो उन्होंने अपनी हार से सीख ली। उन्होंने इस पर विचार किया कि जनता क्यों नाराज है, उन्होंने अपना रास्ता बदला और दोबारा चुनी गईं।
इस रिपोर्ट में प्रियंका की टीम में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के अभियान की अगुवाई करेंगी। उनके नेतृत्व में हर दिन 20 छोटी बैठकें करने की योजना है।
दीदी (प्रियंका) दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम 500 गांवों में नुक्कड़ सभाएं करेंगी। प्रियंका और राहुल गांधी दोनों चुनाव का हिस्सा हैं, इसलिए हर पार्टी कार्यकर्ता ऊर्जावान है। हालांकि दीदी चुनाव नहीं लड़ रही हैं, लेकिन वह यहां पार्टी को मजबूत करने की कमान संभालेंगी।
वह कहते हैं कि हमने पहले ही दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बूथ सौंप दिए हैं। और उन्हें सोमवार से काम शुरू करने को कहा गया है। एक वरिष्ठ नेता को 10-15 बूथों की जिम्मेदारी दी गई है।
रायबरेली में तैनात एक कांग्रेस नेता कहते हैं कि प्रियंका जी पार्टी के सोशल मीडिया कैंपेन पर भी नजर रखेंगी। पार्टी का विचार यह है कि इन दो सीटों पर उन्हें अभियान का प्रमुख बनाया जाए।
प्रियंका के नेतृत्व में यहां काम करेगी पार्टी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि राहुल गांधी के अमेठी और रायबरेली में कार्यक्रम आयोजित करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर एक कांग्रेस नेता ने कहा कि वह निश्चित रूप से कई कार्यक्रम करेंगे। राहुल जी 10 मई के आसपास या शायद मतदान से कुछ दिन पहले यहां आएंगे।गांधी परिवार के एक सदस्य के चुनावी मैदान में होने के कारण, यूपी कांग्रेस यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि पार्टी अमेठी में जीत हासिल करे और रायबरेली में बड़ी जीत दर्ज करे।
यूपी में पार्टी के एक नेता के अनुसार, कांग्रेस द्वारा अमेठी और रायबरेली के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने में देरी करने, राहुल गांधी और किशोरी लाल शर्मा के नाम नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख पर घोषित करने के कारण लोगों की दिलचस्पी दोनों सीटों और कांग्रेस के अगले कदम में बढ़ गई है।
कांग्रेस नेता कहते हैं कि अगर इतना सस्पेंस नहीं बनाया गया होता तो शायद टीवी चैनलों ने दोनों सीटों को नजरअंदाज कर दिया होता। देरी के कारण पिछले कुछ दिनों में दोनों सीटों पर दिलचस्पी कई गुना बढ़ गई है।
एआईसीसी के महासचिव और यूपी के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि रायबरेली से राहुल गांधी को मैदान में उतारने के फैसले का न केवल यूपी, बल्कि पूरे उत्तर भारत में हर पार्टी कार्यकर्ता पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। संदेश साफ है हम बीजेपी से सीधी टक्कर लेंगे। यूपी में पार्टी नेतृत्व और अन्य राज्यों के कुछ नेता प्रियंका गांधीजी के नेतृत्व में काम करेंगे।