नामचीन शायर अकबर इलाहाबादी का नाम अकबर प्रयागराज कर देने को लेकर जोरदार हंगामा हुआ ही था कि इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का बयान आ गया। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर इस नामचीन उर्दू शायर का टाइटल बदल दिया गया था। सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही थी।
लेकिन अब आयोग के अफ़सरों ने कहा है कि किसी ने वेबसाइट को हैक कर लिया था और इलाहाबादी टाइटल की जगह प्रयागराज कर दिया था। आयोग ने कहा है कि इसके पीछे कुछ शरारती तत्वों का हाथ है और नामों को ठीक करने का काम चल रहा है।
बता दें कि साल 2018 में राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था।
केवल अकबर इलाहाबादी ही ऐसे शायर नहीं थे, जिनका टाइटल बदला गया। ऐसे सारे लेखक और कवि जो इलाहाबादी शब्द अपने नाम के पीछे लगाते हैं, उस जगह आयोग की वेबसाइट पर प्रयागराज कर दिया गया था।
इनमें राशिद इलाहाबादी और तेग इलाहाबादी का नाम भी शामिल है और आयोग की वेबसाइट पर उनका नाम तेग प्रयागराज और राशिद प्रयागराज के नाम से दिख रहा था।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने आयोग के इस कदम को मूर्खतापूर्ण और इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश बताया था।
कौन थे अकबर इलाहाबादी?
अकबर इलाहाबादी अपनी गजलों और शायरियों के कारण भारत और दीगर मुल्कों में भी पहचाने जाते रहे हैं। उनकी मशहूर गजल ‘हंगामा है क्यों बरपा’ बहुत सुनी जाती है। इसके अलावा उनकी लिखी हुई ‘तुम एक गोरखधंधा हो’ कव्वाली भी काफी प्रसिद्ध है।
अकबर इलाहाबादी ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मोहब्बत और शांति को बढ़ावा देने वाली कई शायरियां लिखीं।
अकबर इलाहाबादी का असली नाम सैयद हुसैन था। वह इलाहाबाद में जन्मे और ताउम्र इसी शहर में रहे इसलिए उन्हें अपनी दमदार शायरियों के दम पर अकबर इलाहाबादी के नाम से पहचान मिली।