उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ताबड़तोड़ लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार ने गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसा है।
कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने बड़े लाव-लश्कर के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, जेवर एयरपोर्ट, सरयू नहर परियोजना और फिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण व शिलान्यास किया था। इन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
राष्ट्रवाद का तड़का
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण पर तो जगुआर, सुखोई और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों को उतार दिया गया। बीजेपी समर्थकों ने लड़ाकू विमानों के एयर शो को राष्ट्रवाद की चाशनी में लपेटकर पेश किया और यह दिखाने की कोशिश की कि मोदी की सरकार में देश सुरक्षित है।
फ्रंट फुट पर मोदी
मोदी ने बीते एक महीने में जिस तरह उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरे किए हैं, उससे साफ है कि चुनाव प्रचार अभियान का पूरा दारोमदार उन्हीं पर है। बीजेपी जानती है कि उत्तर प्रदेश में मुक़ाबला कड़ा है, ऐसे में राज्य के नेताओं के भरोसे जीत हासिल करना मुश्किल है और शायद इसीलिए मोदी फ्रंट फुट पर आ गए हैं।
अखिलेश का तंज
अखिलेश यादव ने एक बार फिर कहा है कि बीजेपी सरकार उत्तर प्रदेश की पुरानी सरकारों के कामों का ही लोकार्पण कर रही है।
अखिलेश का कहना है कि गंगा एक्सप्रेस वे तो मायावती सरकार का प्रोजेक्ट है। यादव ने इससे पहले भी कहा था कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे समाजवादी पार्टी की सरकार ने बनवाया था लेकिन बीजेपी इसे अपना बताकर लोकार्पण कर रही है।
क्या है गंगा एक्सप्रेस वे?
यह एक्सप्रेस वे 594 किलोमीटर लंबा है और इसमें 36,230 करोड़ की लागत आएगी। यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी व पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा।
यह एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरू होगा और 12 जिलों से होते हुए प्रयागराज तक पहुंचेगा। एक्सप्रेस वे मेरठ, अमरोहा, संभल, बदायूं , हापुड़, बुलन्दशहर, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, कन्नौज, प्रतापगढ़ से होकर जाएगा। इसमें हवाई पट्टी बनाई जाएगी और पेट्रोल पंप सहित बाक़ी सुविधाएं भी होंगी।