अतीक-अशरफ़ हत्या पर विपक्ष- 'एनकाउंटर प्रदेश बना', 'योगी इस्तीफ़ा दें' 

12:15 pm Apr 16, 2023 | सत्य ब्यूरो

अतीक अहमद और उनके अशरफ़ भाई की जिस तरह से पुलिस कस्टडी में और लाइव कवरेज के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई उस पर विपक्षी दलों ने राज्य में क़ानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जहाँ बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि राज्य को 'एनकाउंटर प्रदेश' बना दिया गया है, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा मांग लिया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

प्रयागराज में घटी इस घटना पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने आज बयान जारी किया है। उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट में कहा है कि "देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में 'कानून द्वारा कानून के राज' के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।'

मायावती की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की वारदात तब हुई जब उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था। 

टेलीविजन फुटेज में अतीक अहमद को पत्रकारों से बात करते हुए देखा गया। तभी कम से कम दो लोगों ने पिस्तौल से उन पर गोलियाँ चला दीं। तब भारी पुलिस बल तैनात था। प्रयागराज के पुलिस आयुक्त ने कहा कि हंगामे के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई के एक पत्रकार को चोटें आई हैं, जबकि मान सिंह नाम के एक पुलिस कांस्टेबल को गोली लगी है। पुलिस का कहना है कि तीन आरोपियों ने सरेंडर किया है और तीनों की पहचान की पुष्टि की जा रही है। 

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है  कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।'

असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, 'मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे और सुप्रीम कोर्ट से एक टीम बनाने और इस मामले की जांच करने की मांग करता हूं। हम यह भी मांग करते हैं कि वहां मौजूद सभी पुलिस अधिकारियों को सेवा से हटा दिया जाना चाहिए।'

उन्होंने कहा है, 'अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियाँ लगी हुई थीं। JSR के नारे भी लगाये गये। दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं।' उन्होंने आगे कहा कि जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम?

कपिल सिब्बल ने भी योगी सरकार के क़ानून व्यवस्था की स्थिति की आलोचना की है। उन्होंने इसे क़ानून व्यवस्था की 'हत्या' क़रार दिया है।

बीजेपी के नेताओं ने इस पर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रियाएँ दी हैं। राज्य सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है, 'पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है...।' हालाँकि बाद में उन्होंने यह ट्वीट हटा लिया।

बीजेपी के एक और मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि 'यह कुदरत का न्याय है'।

बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने कहा है कि अतीक और अशरफ की हत्या की पूरी जाँच होनी चाहिए और हत्यारों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

बता दें कि शनिवार रात में प्रयागराज में मेडिकल जाँच के लिए ले जाते समय अतीक और अशरफ़ की कैमरे के सामने गोली मारकर हत्या कर देने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई। इसके साथ ही पीएसी और आरएएफ बल भी तैनात किए गए हैं। प्रयागराज की सभी सीमाएँ सील कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया और तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। 

मुख्यमंत्री की बैठक में मामले की उच्च स्तरीय जाँच के निर्देश दिए गए। एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश भी दिए हैं। विशेष डीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्य की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उच्च स्तरीय बैठक में सीएम ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।