योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केशव प्रसाद मौर्य के अलावा बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है। बृजेश पाठक पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा इस बार सरकार का हिस्सा नहीं बने हैं। आइए जानते हैं कि बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य कौन हैं।
केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और संघ से निकले नेता हैं। साल 2017 में उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी सत्ता में आई थी। तब केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन अंत में योगी आदित्यनाथ को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया था।
केशव प्रसाद मौर्य को इस बार सिराथू सीट से शिकस्त का सामना करना पड़ा और इस वजह से यह कहा जा रहा था कि पार्टी शायद उन्हें इस बार उपमुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। मौर्य पर बीजेपी हाईकमान को भरोसा है और इसीलिए हारने के बावजूद भी उन्हें उप मुख्यमंत्री जैसा अहम पद दिया गया है।
केशव प्रसाद मौर्य 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वह विश्व हिंदू परिषद में भी बड़े पदों पर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में वह पार्टी का सबसे बड़ा पिछड़ा चेहरा हैं।
बृजेश पाठक
बृजेश पाठक बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण चेहरों में शुमार थे लेकिन 2017 में उन्होंने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। पाठक साल 2004 और 2009 में उन्नाव लोकसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर सांसद रहे थे। बृजेश पाठक ने अपना राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू किया और वह साल 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी बने।
बृजेश पाठक ने इस बार लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह गांधी को लगभग 40000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। पाठक ने 2017 में लखनऊ सेंट्रल सीट से चुनाव जीता था। बृजेश पाठक पेशे से वकील हैं और बीते कुछ वक्त में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बड़े चेहरे बनकर उभरे हैं।