उत्तर प्रदेश की राजनीति के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल क़ैद की सजा सुनाई गई है। यह सजा गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाई है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ साल 1996 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा 1996 में कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले से जुड़ा है।
इस मामले में अजय राय ने अदालत में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही दी थी। मुख्तार अंसारी के सहयोगी भीम सिंह को भी अदालत ने 10 साल क़ैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
ईडी ने बुधवार को मुख्तार अंसारी को 10 दिन की हिरासत में ले लिया था।
मुख्तार अंसारी साल 2005 से ही कई जेलों में बंद हैं लेकिन वह अधिकतर मामलों में दोषमुक्त हो चुके हैं। अंसारी वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद हैं।
ईडी का शिकंजा
ईडी ने पिछले कुछ वक्त में मुख्तार अंसारी के कई रिश्तेदारों और सहयोगियों से पूछताछ की है और उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ 50 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के कई मामलों में जांच चल रही है।
ईडी ने 11 अक्टूबर को अब्बास अंसारी और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। ईडी मुख्तार अंसारी की चल और अचल संपत्तियों की जांच कर रही है। मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से काफी धन इकट्ठा किया है। ईडी ने इस मामले में मुख्तार अंसारी के गाजीपुर, लखनऊ और दिल्ली के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी और पैसों के लेनदेन से जुड़े कुछ सुबूत इकट्ठा किए थे।
ईडी ने मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी और बहनोई आतिफ को भी नोटिस जारी किया था। ईडी ने अक्टूबर में मुख्तार अंसारी की 1.48 करोड़ की अचल संपत्ति को जब्त कर लिया था।
अगस्त में गाजीपुर के जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के दो प्लॉट को जब्त कर लिया था। उससे पहले उनके भाई अफजाल अंसारी की करोड़ों की संपत्तियों को पुलिस ने कुर्क कर दिया था।
अब्बास अंसारी गिरफ्तार
पिछले महीने जांच एजेंसी ने मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हुई थी। अब्बास अंसारी इस साल विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।
अंसारी की पहली चुनावी जीत 1996 के चुनावों में मऊ से बसपा उम्मीदवार के रूप में हुई थी। तब से लेकर उन्होंने कई चुनाव जीते हैं। यहां तक कि वह जेल से भी चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद मुख्तार अंसारी के नेटवर्क के ख़िलाफ़ कार्रवाई तेज की गई। उनके कई साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और कुछ पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। मायावती ने इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को टिकट नहीं दिया था।