हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे फरीदाबाद में दिखा, सहयोगी अमर दुबे एनकाउंटर में ढेर

08:56 am Jul 09, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का सहयोगी और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपियों में से एक अमर दुबे पुलिस मुठभेड़ में बुधवार तड़के मारा गया। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार यह मुठभेड़ लखनऊ से क़रीब 150 किलोमीटर दूर हमीरपुर ज़िले में हुई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विकास दुबे मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में दिखा था, लेकिन पुलिस के पहुँचने से पहले ही भाग गया। 

क़रीब एक हफ़्ते पहले घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही विकास दुबे और उसके गैंग के सहयोगी फरार हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी एसटीएफ़ उनको तलाशने में जगह-जगह दबिश दे रही है। इसी बीच पुलिस को अमर दुबे के हमीरपुर में होने के बारे में ख़ुफिया सूचना मिली। 

बता दें कि कानपुर देहात के बिकरू गाँव में गुरुवार देर रात को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वालों में डिप्टी एसपी और बिल्होर के सर्किल अफ़सर देवेंद्र मिश्रा, स्टेशन अफ़सर शिवराजपुर महेश यादव भी शामिल थे। दो सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही भी शहीद हुए हैं। इसके अलावा सात पुलिस कर्मी घायल हुए थे। बिकरू गाँव कानपुर देहात की शिवली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है।

'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (क़ानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, 'सहयोगी अमर दुबे कानपुर घटना में सह-अभियुक्त था और बुधवार सुबह मारा गया।' उन्होंने आगे कहा कि हमीरपुर में स्थानीय पुलिस इकाई के समन्वय से एसटीएफ़ ने यह कार्रवाई की। कुमार ने कहा कि उस पर 25,000 रुपये का इनाम था। 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि 40 टीमें और एसटीएफ़ खूंखार गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश कर रही है। राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा कि जब तक दुबे को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पुलिस चैन नहीं लेगी। 

फरीदाबाद के होटल में दिखा विकास दुबे!

'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट दी है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे मंगलवार को हरियाणा में फरीदाबाद के एक होटल में दिखा। इस रिपोर्ट के अनुसार होटल के एक सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति दिख रहा है जो दिखने में विकास दुबे जैसा है। लेकिन जब तक वहाँ रेड मारने पुलिस पहुँची उससे पहले ही विकास दुबे वहाँ से फरार हो चुका था।

बता दें कि विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं। दुबे का नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी। शुक्ला राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री थे। विकास दुबे काफी समय से गैंग बनाकर लूटपाट और हत्याएँ कर रहा है और इसीलिए उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है।