कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जीएसटी की इंटेलीजेंस टीम ने गिरफ़्तार कर लिया है। जैन के वहां से 257 करोड़ से ज़्यादा की नक़द धनराशि मिली जिसे गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। नोट गिनने के वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर खासे वायरल हुए हैं। जैन की गिरफ़्तारी जीएसटी चोरी के आरोप में हुई है।
जीएसटी की इंटेलीजेंस टीम को जैन की फ़ैक्ट्री और घर से 10 करोड़ रुपये और मिले हैं। यह भी ख़बर है कि कई किलो सोना और चांदी भी जैन के घर से मिली है।
टीम के अफ़सरों ने एएनआई को बताया कि जब वे जैन के घर पर पहुंचे तो इत्र के कारोबारी वहां से भाग गए और कई बार कॉल करने के बाद वह घर लौटे।
जैन के कन्नौज स्थित घर से सीबीआईसी ने काफी कैश बरामद किया है। सूत्रों ने सीबीआईसी के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि पीयूष जैन के कानपुर और कन्नैज स्थित घर से 257 करोड़ से भी ज्यादा का कैश बरामद हो चुका है।
कन्नौज में कैश गिनने के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया के अफसरों को बुलाना पड़ा है।
जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट ने कहा है कि छापे की कार्रवाई जारी है।
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जैन के घर से बरामद कुछ संदूक और बक्सों की चाबियां नहीं मिली हैं। जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट ने डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले और मजदूरों को बुलाया है, ताकि संदूकों को तोड़ा जा सके या खोला जा सके।
कर और उत्पाद शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने तीन दिन पहले कहा था कि सीबीआईसी के इतिहास में कैश की इतनी बड़ी बरामदगी कभी नहीं हुई।
पीयूष जैन के वहां से इतनी बड़ी मात्रा में नक़दी मिलने के बाद बीजेपी और सपा नेताओं में जबरदस्त बयानबाजी हुई। बीजेपी ने पीयूष जैन का संबंध सपा से जोड़ने की कोशिश की। लेकिन सपा ने सोशल मीडिया पर तमाम सबूत देकर बता दिया कि पीयूष जैन किस तरह बीजेपी से जुड़ा था और चंदा देता था।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर चर्चा है कि पीयूष जैन हर राजनीतिक दल को चंदा देता था। उसके संबंध किसी एक पार्टी से नहीं थे।