यूपी: एक और दलित लड़की रेप और मर्डर की शिकार, फ़ॉर्म भरने के लिए घर से निकली थी

01:21 pm Sep 04, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

राज्य में बेहतर क़ानून व्यवस्था होने के योगी सरकार के तमाम दावों के बीच उत्तर प्रदेश में बलात्कार, अपहरण, हत्या की वारदातों की बाढ़ आई हुई है। राज्य के लखीमपुर खीरी जिले में 18 साल की एक दलित लड़की के साथ बलात्कार के बाद उसका गला रेत दिया गया। लड़की की लाश मंगलवार सुबह उसके गांव के एक तालाब में मिली और यह जगह उसके घर से महज 500 मीटर दूर है। 

इस घटना से ये पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। लड़की अपनी नौंवी क्लास की मार्कशीट, आधार कार्ड और 200 रुपये लेकर ऑनलाइन स्कॉलरशिप का फ़ॉर्म भरने निकली थी। लेकिन उसे और परिजनों को नहीं पता था कि वह अब जिंदा घर नहीं लौटेगी। 

लड़की का गला किसी तेज धारदार हथियार से रेता गया था और उसके बाएं पाव को जानवरों ने खा लिया था। उसकी लाश के पास ही उसकी मार्कशीट और मोबाइल फ़ोन भी पड़ा था। एसपी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि लड़की के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हुई है और पुलिस ने हत्यारों की तलाश में तीन टीमों को लगा दिया है। 

लड़की जिस गांव की रहने वाली थी, वह दलित बहुल गांव है। पिछले 10-12 दिनों के अंदर लखीमपुर खीरी में किसी दलित लड़की के साथ बलात्कार और फिर हत्या की यह दूसरी घटना है। 

लड़की के माता-पिता अपने कच्चे मकान के फर्श पर बैठे हुए चिल्लाते हैं कि उन्हें न्याय चाहिए। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, लड़की के पिता कहते हैं, ‘मेरी लड़की नहीं, लड़का थी। अगर किसी ने कोशिश भी की होगी तो वो मरने से पहले खूब लड़ी होगी।’ पिता कहते हैं, ‘वह बहुत बहादुर थी और उसने कभी कहीं जाने में मेरी मदद नहीं ली। अगर मैं उसके साथ गया होता तो वह बच जाती।’ 

योगी राज में आपराधिक घटनाएं चरम पर हैं और जवाब देने वाला कोई नहीं है।

लड़की की मां ने कहा कि वह सोमवार सुबह 8.30 बजे घर से निकली थी। इससे पहले उसने सबके लिए चाय बनाई थी, खाना बनाया था और हमें परोसा भी था। वह दोपहर 1 बजे से लगातार उसका फ़ोन मिला रही थीं लेकिन यह नॉट रीचेबल था। लड़की के पिता कहते हैं कि उनकी और भी बेटियां हैं, इन हालात में वे कैसे बाहर निकल पाएंगी। 

गोरखपुर की घटना 

कुछ ही दिन पहले गोरखपुर में दलित उत्पीड़न की एक घटना में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के बाद अभियुक्तों ने उसके बदन को सिगरेट से दाग दिया था। वारदात के दौरान, नाबालिग पास के एक हैंड पंप पर पानी लेने गई थी। इसी दौरान अभियुक्त उसे जबरन मोटरसाइकिल पर बैठाकर गांव में बनी एक झोपड़ी में ले गए और बलात्कार किया था। 

तीन पत्रकारों की हत्या 

बलिया जिले के फेफना कस्बे में सोमवार को सहारा समय चैनल के संवाददाता रतन सिंह को बदमाशों ने दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडों से पीटा और फिर सिर में तीन गोली मार कर हत्या कर दी। यूपी में बीते दो महीने में यह लगातार तीसरे पत्रकार की हत्या है। बीते जुलाई में ग़ाज़ियाबाद में बदमाशों ने अपनी भतीजियों के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी और उन्नाव में भू-माफियाओं के ख़िलाफ़ अभियान चलाने पर जून में पत्रकार शुभम तिवारी की हत्या कर दी थी। 

आज़मगढ़ में दलित प्रधान की हत्या! 

आज़मगढ़ में हुई दलित उत्पीड़न की एक ताज़ा घटना में सत्यमेव जयते नाम के ग्राम प्रधान की हत्या कर दी गई। बांसगांव में हुई इस घटना में आरोप लगा है कि कथित रूप से गांव के सवर्णों ने दलित प्रधान की हत्या कर दी। सत्यमेव जयते के भतीजे लिंकन ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह हत्या जातीय नफ़रत की वजह से हुई। लिंकन के मुताबिक़, सवर्ण लोग एक दलित के प्रधान बनने और उनके सामने तन कर खड़े होने को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।