महंत, मौत और मिस्ट्री-नए वीडियो से रहस्य गहराया, सीबीआई टीम प्रयागराज में

10:05 pm Sep 23, 2021 | कुमार तथागत

प्रयागराज में बाघंबरी पीठ के महंत व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत के मामले की जाँच की सिफारिश करने के कुछ ही घंटों में गुरुवार को सीबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुँच गयी।

गुरुवार की सुबह से वायरल हो रहे एक वीडियो ने पूरे मामले को हत्या बनाम आत्महत्या के सवाल पर और उलझा दिया है।

वीडियो तब का बताया जाता है जब अपने कमरे में रस्सी के फंदे से झूल रहे महंत नरेंद्र गिरी के शव को नीचे उतारा गया था। वीडियो बाघंबरी पीठ से जुड़े किसी व्यक्ति ने तब रस्सी के फंदे से झूल रहे महंत के शव को उतारे जाने के तुरंत बाद बनाया था।

वीडियो में दिख रहे हालात और उस समय की बातचीत से इस मौत पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि निष्पक्ष सीबीआई की जाँच शायद असली बात सामने ला सके।

चलते पंखे से फाँसी?

वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि महंत ने आत्महत्या के लिए जिस सीलिंग पंखे के हुक से रस्सी बांधी थी वह चलता हुआ पाया गया। महंत के कपड़े कहीं से भी अस्त व्यस्त नहीं थे और न ही उनके चेहरे पर पीड़ा के निशान नजर आ रहे थे। मंहत का शव शांत मुद्रा में साफ दिख रहा है।

वीडियों में रस्सी का एक हिस्सा पंखे के हुक से बंधा दिख रहा था तो दूसरा हिस्सा कमरे की मेज पर था। पुलिस महकमे से जुड़े लोगों का कहना है कि चलते हुए पंखे के हुक से रस्सी बांध कर फांसी पर लटकना असंभव है।

सुरक्षाकर्मियों को सूचना क्यों नहीं?

सवाल उठ रहे हैं कि महंत की सेवा में रहने वाले लोगों ने कमरा बंद पाकर और कई आवाजें लगाने पर भी न खुलने पर पुलिस अथवा वहीं मौजूद सुरक्षा कर्मियों को सूचना क्यों नहीं दी?

प्रदेश सरकार ने महंत की सुरक्षा के लिए आधा दर्जन पुलिस कर्मी तैनात कर रखे थे जो घटना के समय बाघंबरी पीठ में ही मौजूद थे।

वीडियों में मंहत के सेवक से बार- बार यह पूछा जा रहा है कि कमरा बंद पाए जाने पर उसने दरवाजा तोड़ने की बजाय पुलिस या वहाँ मौजूद सुरक्षा कर्मियों को सूचना क्यों नहीं दी।

लैपटॉप से खुलेगा राज

महंत नरेंद्र गिरी ने कथित आत्महत्या से पहले कथित तौर पर जो सुसाइड नोट लिखा है उसमें अपने खास चेले रहे आनंद गिरी के साथ दो अन्य आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मौत का ज़िम्मेदार ठहराया है। आनंद गिरी को हत्या की रात हरिद्वार से और बाकी दो को प्रयागराज से गिरफ़्तार किया गया था।

आनंद गिरी का लैपटॉप कंप्यूटर व स्मार्ट फ़ोन पुलिस के कब्जे में है। माना जा रहा है महंत ने अपनी मौत के कारणों में जिस छेड़छाड़ वाले वीडियो का जिक्र किया है, वह इसी में मौजूद है।

मंहत ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि आनंद गिरी किसी महिला के साथ छेड़छाड़ वाला वीडियो तैयार कर उन्हें बदनाम करने जा रहा है, जिसके चलते वह अपनी जान दे रहे हैं। पुलिस के मुताबिक़, ये साक्ष्य सीबीआई की टीम को सौंप दिए जाएंगे।

सीबीआई जाँच 

महंत की मौत के मामले के उलझे पेच और कुछ भी साफ न होने के चलते समूचे विपक्ष और सत्ताधारी बीजेपी व संतों ने भी मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने की माँग की थी। 

बुधवार को ही बीजेपी सांसद साक्षी महराज ने सुसाइड नोट को फ़र्जी बताते हुए आत्महत्या की संभावना से इंकार किया था और सीबीआई जाँच की माँग की थी। 

सबसे पहले कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इसकी माँग की थी। बहरहाल सीबीआई के दर्जन भर अधिकारियों की टीम ने प्रयागराज पहुँच कर मामले को अपने हाथ में ले लिया है।