बीजेपी के सहयोगी संजय निषाद बोले- दशरथ के पुत्र नहीं थे राम

09:41 am Nov 09, 2021 | सत्य ब्यूरो

बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा है कि भगवान राम दशरथ के पुत्र नहीं थे। एक ओर बीजेपी और संघ परिवार राम मंदिर निर्माण में जुटे हैं, राम के आदर्शों पर चलने की बात आए दिन करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके सहयोगी ने ही यह विवादित बयान दे दिया है। निषाद के बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर तंज कसा है। 

संजय निषाद सोमवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “राम और निषाद राज का जन्म खीर खिलाने के बहाने से हुआ था। खीर खाने से तो बच्चा नहीं हो सकता। इसलिए, राम दशरथ के तथाकथित पुत्र हैं और असली पुत्र वे श्रृंगी ऋषि निषाद के हैं।”

बीजेपी ने तमाम हां और ना के बीच सितंबर में एलान किया था कि वह उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी। अपना दल (एस) के साथ उसका पहले से ही गठबंधन है। 

‘गठबंधन पर विचार करेंगे’

संजय निषाद ने यह भी कहा कि बीजेपी ने उनसे वादा किया था कि वह आरक्षण को लेकर फ़ैसला लेगी लेकिन उसने फ़ैसला नहीं किया। उन्होंने कहा कि आरक्षण नहीं मिलता है तो हम गठबंधन पर विचार करेंगे। 

‘डीएनए एक्सपर्ट हैं भागवत’

निषाद के बयान पर हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने एएनआई से कहा, “संघ प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी के नेताओं को इस बारे में बताना पड़ेगा क्योंकि भागवत डीएनए के एक्सपर्ट हैं।” भागवत कई बार हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक होने की बात कह चुके हैं। 

लेकिन बीजेपी संजय निषाद के इस बयान पर कुछ नहीं बोल पा रही है। उसे बताना चाहिए कि वह संजय निषाद के इस बयान से इत्तेफ़ाक रखती है या नहीं? और क्या वह संजय निषाद से इस बयान के लिए माफ़ी मांगने को कहेगी और क्या अब भी उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी?

पूर्वांचल में है असर  

निषाद समाज (मल्लाह) के ज़्यादातर लोग मछली पकड़ने के काम से जुड़े हैं। गोरखपुर में इस समाज की तादाद 15 फ़ीसदी से ज़्यादा है। इसके अलावा महाराजगंज, जौनपुर और पूर्वांचल के कुछ और इलाक़ों में भी निषाद वोटरों का अच्छा प्रभाव माना जाता है। पूर्वांचल में इस समुदाय की आबादी 18 फ़ीसदी तक मानी जाती है। निषादों के साथ इनकी उप जातियां मल्लाह, केवट, धीवर, बिंद, कश्यप आदि भी जुड़ी हैं और ग़ैर यादव ओबीसी वोटों में इनका बड़ा रोल है। 

कुछ महीने पहले जब पुलिस ने मल्लाहों की नाव तोड़ दी थी तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तुरंत प्रयागराज पहुंच गई थीं। एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मल्लाहों के समर्थन में आवाज़ उठाई थी। बीजेपी को बैकफ़ुट पर आते हुए तुरंत इस मामले में जांच के आदेश देने पड़े थे।