एआईएमआईएम के सदर असदुद्दीन ओवैसी को उत्तर प्रदेश में आखिरकार दो दलों का साथ मिल गया है। इन दो दलों का नाम जन अधिकार पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा है। जबकि गठबंधन का नाम भागीदारी परिवर्तन मोर्चा रखा गया है। ओवैसी ने कहा कि 95 फ़ीसदी सीटों पर इस गठबंधन के उम्मीदवार तय हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार बनने पर 5 साल के कार्यकाल में दो मुख्यमंत्री होंगे इनमें से एक ओबीसी समाज से और एक दलित समाज से होगा।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन उपमुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे और इसमें मुसलिम समुदाय के नेता को भी जगह मिलेगी।
ओवैसी ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा में भी शामिल थे लेकिन राजभर के अखिलेश यादव के साथ चले जाने की वजह से वह अकेले पड़ गए थे। हालांकि अब जब उन्हें दो दलों का साथ मिला है और उन्होंने गठबंधन भी बनाया है तो साफ है कि ओवैसी अब उत्तर प्रदेश की सियासत में अकेले नहीं हैं।
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इन सीटों पर वह सियासी समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी 20 फ़ीसदी है और ओवैसी के चुनाव मैदान में उतरने के बाद से ही यह कहा जा रहा है कि मुसलिम मतों का एक हिस्सा वह भी हासिल कर सकते हैं। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओवैसी ने बड़ी संख्या में मुसलिम उम्मीदवार उतारे हैं और यहां उनकी चुनावी सभाओं में भीड़ भी ठीक-ठाक जुटी थी।
देखना होगा कि ओवैसी सहयोगी दलों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की सियासत में कितना असर छोड़ पाते हैं।