मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- बाबरी मसजिद थी और हमेशा रहेगी 

05:18 pm Aug 05, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

वर्षों तक चले राम मंदिर-बाबरी मसजिद विवाद मामले में भले ही सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद भूमि पूजन भी हो गया हो लेकिन ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने एक बार फिर कहा है कि वह इस विवाद में अदालत के फ़ैसले से इत्तेफ़ाक नहीं रखता। 

बोर्ड ने ट्विटर पर चले हैशटैग #itsPolitics में मंगलवार को अपनी राय बेहद सख़्त अल्फ़ाजों में रखी है। बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मसजिद थी और हमेशा रहेगी। बोर्ड ने बेहद कड़े अंदाज़ में कहा है कि नाइंसाफी, बलपूर्वक, शर्मनाक और बहुसंख्यकों के तुष्टिकरण के आधार पर ज़मीन के पुनर्निधारण का फ़ैसला इस तथ्य को नहीं बदल सकता है। 

तुर्की की हागिया सोफ़िया मसजिद का जिक्र करते हुए बोर्ड ने कहा है कि यह उसके लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है। कुछ दिनों पहले तुर्की की सरकार ने एक म्यूजियम हागिया सोफ़िया को मसजिद घोषित कर दिया था और इसके बाद इसे लेकर चर्चाओं का लंबा दौर चला था। 

बोर्ड ने आगे कहा है कि दिल छोटा करने की कोई ज़रूरत नहीं है और हालात कभी भी एक जैसे नहीं रहते हैं। एआईएमपीएलबी भी अयोध्या विवाद के मामले में एक पक्षकार था और इसने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी थी। अयोध्या विवाद मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ बोर्ड की ओर से अदालत में पुनर्विचार याचिका भी दायर की गई थी लेकिन वह ख़ारिज हो गई थी। 

दूसरी ओर, एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने भी यही कहा है बाबरी मसजिद थी, है और रहेगी। ओवैसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूमि पूजन के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। ओवैसी हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार और संघ परिवार की आलोचना करते रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को मुसलिम पक्ष को 5 एकड़ ज़मीन देने का आदेश दिया था। बोर्ड ने कहा था कि उसे मसजिद के बदले में दूसरी जगह पर दी जाने वाली पांच एकड़ ज़मीन मंजूर नहीं है। बोर्ड ने कहा था कि उसने हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था न कि दूसरी जगह ज़मीन पाने के लिए। लेकिन बाद में आमराय बनने के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड ने इस ज़मीन को मंजूर कर लिया था। 

बोर्ड बनाएगा मसजिद 

राम मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाल ही में अयोध्या में मसजिद के निर्माण के लिए 15 सदस्यों वाले ट्रस्ट का गठन किया है। ट्रस्ट का नाम ‘इंडो इसलामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन’ रखा गया है। बोर्ड ने कहा है कि मसजिद के साथ-साथ 5 एकड़ के दायरे में चैरिटेबल अस्पताल, म्यूजियम, लाइब्रेरी, पब्लिशिंग हाउस बनाया जाएगा व मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।