गोरखपुर : व्यापारी की मौत के मामले में डीएम-एसएसपी पर गंभीर आरोप
गोरखपुर के एक होटल में ठहरे कानपुर के व्यवसायी की मौत से उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं। मृतक के परिजनों का आरोप है कि सर्च ऑपरेशन के बहाने व्यवसायी के कमरे में घुसे पुलिस कर्मियों ने उस व्यापारी को बुरी तरह पीटा और पिटाई से आई चोटों के चलते उनकी मौत हो गई।
परिजनों का यह भी कहना है कि गोरखपुर के पुलिस कप्तान व ज़िलाधिकारी ने एफ़आईआर दर्ज न कराने के लिए उन पर दबाव डाला। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
राज्य सरकार के अधिकारियों पर यह आरोप भी है कि तसवीरों के ज़रिए ट्विटर पर न्याय माँग रही मृतक की पत्नी का अकाउंट भी सस्पेंड करवाने की कोशिश की गई। मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद गोरखपुर में हुई सिहरन पैदा कर देने वाली इस घटना पर विपक्ष, व्यापारी संगठनों से लेकर नागरिक समाज भी गुस्से में हैं।
वसूली का आरोप
गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की कथित तौर पर पीट पीट कर हत्या के बाद पुलिस पर पैसा वसूली के लिए अक्सर होटलों में छापा मारकर कारोबारियों को धमकाने का आरोप लग रहा है।
गोरखपुर के कुछ व्यापारियों का कहना है कि ऐसे दर्जनों होटल हैं, जहाँ बड़े व्यापारी ठहरते हैं और तगादा आदि की वसूली से यदि किसी व्यापारी के पास 10-15 लाख का नकद होता है तो होटल कर्मचारी संबंधित थाने को इसकी सूचना दे देते हैं।
आरोप यह लग रहा है कि पुलिस वाले तलाशी के बहाने व्यापारी के कमरे में घुसते हैं और यह कहते हुए कि यह नंबर दो की रकम है, हिस्सा मांगते है व लूटपाट कर लेते हैं। मनीष गुप्ता के मामले में भी यही हुआ है। बदमाश की तलाशी के नाम पर केवल मनीष के कमरे में ही पुलिस वाले गए थे,किसी दूसरे कमरे की न तो उन्होंने तलाशी ली है और न ही वहाँ छानबीन की ।
योगी की पसंद के डीएम-एसएसपी
कानपुर में मृतक व्यापारी के परिजनों से मिलने गए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गोरखपुर के ज़िलाधिकारी व पुलिस कप्तान पर गंभीर आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव का कहना है कि एसएसपी गोरखपुर विपिन ताडा पर अमरोहा में तैनाती के दौरान बीजेपी के पक्ष में मतदान कराने का आरोप लगा था जबकि ज़िलाधिकारी एक बीजेपी सांसद के रिश्तेदार हैं।
रिश्तेदारों पर दबाव
जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें दोनों अधिकारी पीड़ित परिवार पर एफ़आईआर न कराने का दबाव डालते दिखाई सुनाई पड़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि गोरखपुर में अफ़सरों की तैनाती केवल मुख्यमंत्री योगी की पसंद पर खूब ठोंक बजा कर की जाती है।
विवादों में रहा इंस्पेक्टर
गोरखपुर कांड से जुड़े इंस्पेक्टर जे. एन. सिंह सिपाही से प्रोन्नत हुए हैं और इसके पीछे एसटीएफ में तैनाती के दौरान किए गए एनकाउंटरों की बड़ी भूमिका रही है।
इस इंस्पेक्टर पर पुलिस हिरासत में मौत के भी कई संगीन मामले दर्ज हुए हैं और उनमें से कुछ तो गोरखपुर ज़िले के ही हैं।
एसटीएफ में तैनाती के दौरान छह एनकाउंटर कर सिपाही से इंस्पेक्टर बने सिंह ने गोरखपुर में भी चार लोगों को अलग अलग समय में पैरों पर गोली मारकर गिरफ़्तार किया था।
अखिलेश परिजनों से मिले, प्रियंका ने फ़ोन किया
गुरुवार सुबह सपा मुखिया अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने कानपुर गए। उच्च न्यायालय के वर्तमान जज से मामले की जाँच कराने के साथ उन्होंने परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान भी किया।
इससे पहले बुधवार शाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मृतक व्यापारी की पत्नी से फोन पर बात की थी और हर मदद का भरोसा दिलाया था।
अखिलेश यादव के कानपुर पहुँचने से पहले सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर मृतक व्यापारी की पत्नी को अन्यत्र ले जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया।