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ईरान इस सप्ताह इजराइल पर हमला कर सकता है: अमेरिका

ईरान इस सप्ताह इजराइल पर हमला कर सकता है: अमेरिका

मध्य-पूर्व में क्या युद्ध का ख़तरा अब बेहद क़रीब आ गया है? जानिए, इज़राइल और ईरान के बीच तनाव को लेकर अमेरिका ने क्या आशंका जताई है और वह क्या तैयारियों में जुटा है।

व्हाइट हाउस ने कहा है कि ईरान या उसके सहयोगियों द्वारा इजराइल पर हमला इस सप्ताह हो सकता है। इजराइल ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया है। उसने कहा कि हमले की संभावना बढ़ रही है। इस बीच ख़बर है कि अमेरिका मध्य-पूर्व में तैनाती बढ़ा रहा है। यूरोपीय देश संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं। 

बेरूत में हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुकर की हत्या और तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या के बाद बढ़े तनाव के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक नौसैनिक हमलावर समूह तैनात किया है। ये हत्याएं 30 और 31 जुलाई को एक-दूसरे से कुछ ही घंटों के अंतराल पर हुईं। हनीयेह की मौत के लिए भी इज़राइल को दोषी ठहराया गया, हालांकि उसने आधिकारिक तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली है। इन दो हत्याओं के बाद से मध्य-पूर्व के इन दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ ही रहा है।

इसी बीच, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा, 'हमें उन हमलों के लिए तैयार रहना होगा जो बेहद अहम हो सकते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'यही कारण है कि हमने पिछले कुछ दिनों में ही इस क्षेत्र में अपनी सैन्य स्थिति और क्षमताओं को बढ़ा दिया है।' अमेरिका ने रविवार को घोषणा की थी कि उसने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली, गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी यूएसएस जॉर्जिया को मध्य पूर्व में तैनात करने का आदेश दिया है। ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या का बदला लेने के दृढ़ संकल्प पर बढ़ती चिंता के बीच अमेरिका के इस क़दम को बेहद अहम माना जा रहा है।

यह तब हुआ जब ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने कहा कि ग़ज़ा में युद्धविराम पर सहमत होने में अब और देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ईरान और उसके सहयोगियों से इजराइल के ख़िलाफ़ हमलों से बचने का आह्वान किया। सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में उन्होंने 10 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए समझौता कराने के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र के ताज़ा प्रयास का समर्थन किया।

मध्य-पूर्व के जानकारों और पर्यवेक्षकों को चिंता है कि ईरान या उसके सहयोगी हिजबुल्लाह की ओर से दोनों हत्याओं के लिए कोई भी जवाबी कार्रवाई, एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध को भड़का सकती है और संभावित रूप से अमेरिका को अपने सहयोगी इजराइल के समर्थन में ला सकती है।

अमेरिकी समाचार चैनल सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्राइक फोर्स की तैनाती ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी प्रशासन के आलोचक युद्ध विराम लागू करने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने के लिए कह रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी ग़ज़ा पर युद्ध की आलोचना की है। अमेरिका ने बार-बार कहा कि बहुत अधिक नागरिक मारे गए हैं। हालाँकि, इससे इजराइल को ग़ज़ा पर अपने हमले को रोकने के लिए हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध, या अन्य प्रतिबंध जैसा कोई भी जबरदस्ती करने का प्रयास नहीं किया गया है।

सऊदी अरब, तुर्की, जॉर्डन और कई पश्चिमी राज्यों सहित कई देशों ने अपने नागरिकों से लेबनान को खाली करने का आग्रह किया है, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर इजराइल सीधे हमलों का शिकार होता है तो देश पर भारी हमला हो सकता है। इसके साथ ही, कई एयरलाइनों ने इज़राइल, जॉर्डन और लेबनान के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं।

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