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मेलानिया के कार्यक्रम में केजरीवाल को न बुलाने पर अमेरिका की सफ़ाई

मेलानिया के कार्यक्रम में केजरीवाल को न बुलाने पर अमेरिका की सफ़ाई

दिल्ली के स्कूल में अमेरिकी प्रथम महिला के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिशोदिया को नहीं बुलाने पर अमेरिकी दूतावास ने सफ़ाई दी है। 

दिल्ली के स्कूल में अमेरिकी प्रथम महिला के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नहीं बुलाने पर अमेरिकी दूतावास ने सफ़ाई दी है। दूतावास ने कहा है कि यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है और इसमें सिर्फ शिक्षा की बात होगी।

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है, 'मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी पर अमेरिकी दूतावास को कोई आपत्ति नहीं है, पर यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा और स्कूल पर ही ध्यान केंद्रित किया जाना है।' 

सोमवार को शुरू हो रही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की दो दिनों की यात्रा में प्रथम महिला मेलनिया ट्रंप दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में 'हैप्पीनेस क्लास' देखेंगी।  

आम आदमी पार्टी का कहना था कि केंद्र सरकार के कहने पर इस कार्यक्रम में न्योता पाने वालों की सूची में में केजरीवाल और सिसोदिया के नाम हटा दिए गए। सिसोदिया शिक्षा मंत्री हैं। 

मेलानिया का यह कार्यक्रम मंगलवार को दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में प्रस्तावित है। इसमें मेलानिया विशेष अतिथि होंगी। 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चलने वाला यह 'हैप्पीनेस सिलेबस' रचनात्मक शिक्षा के तौर पर जाना जाता है। इसकी देश ही नहीं, विदेशों में भी काफ़ी तारीफ़ हुई है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा इसे क़रीब दो साल पहले शुरू किया गया था।

इस सिलेबस का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्रों में स्ट्रेस को कम करने का प्रयास करना है। इसमें 40 मिनट का मेडिटेशन और आउटडोर खेलकूद की गतिविधियाँ शामिल हैं। 

हाल के दिनों में दिल्ली चुनावों में भी स्कूल चर्चा में रहे थे। तब बीजेपी ने स्कूलों की हालत ख़राब होने का दावा किया था। इस दावे को आम आदमी पार्टी ने खारिज कर दिया था और कहा था कि अच्छी पढ़ाई और शानदार ढाँचे वाले जिन सरकारी स्कूलों का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है उसके बारे में बीजेपी वोट के लिए ग़लत प्रचार कर रही है। बता दें कि केजरीवाल की पार्टी ने जिन आधार पर इस चुनाव में वोट माँगे थे उसमें दिल्ली के स्कूलों की हालत सुधारने और इसे विश्व स्तरीय बनाने का दावा भी शामिल था। 

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