पुरुषों को महिलाओं के न तो कपड़े सिलने, न ही बाल काटने चाहिए: यूपी महिला आयोग

08:57 pm Nov 08, 2024 | सत्य ब्यूरो

महिला सुरक्षा के लिए क्या उपाय होने चाहिए? क्या पहनें, किससे कपड़े सिलवाएँ, किससे बाल कटवाएँ, कब घर से बाहर निकलें और किससे जिम की ट्रेनिंग लें, क्या इन सब चीजों से महिलाओं की सुरक्षा हो जाएगी? यूपी के महिला आयोग का तो कम से कम ऐसा ही सुझाव आया है।

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि पुरुषों को महिलाओं के लिए न तो कपड़े सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए। यह पहल महिलाओं को 'बैड टच' यानी ग़लत तरीक़े से छुने से बचाने के लिए की गई है। और इसलिए भी कि इन व्यवसायों में पुरुष कर्मचारियों द्वारा किसी भी ग़लत इरादे से बचने के लिए की गई है।

महिला संगठन ने 28 अक्टूबर को हुई बैठक में ये अजीबोगरीब सुझाव दिए हैं। जो सुझाव दिए गए उनमें पुरुषों को महिलाओं का नाप लेने की अनुमति न देना और सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है। महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया, '28 अक्टूबर को महिला आयोग की बैठक में एक प्रस्ताव रखा गया था कि केवल महिला दर्जी ही महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों का नाप लें और इन क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाए जाएं।'

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की प्रमुख बबीता चौहान ने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराने वाले जिम में महिला प्रशिक्षकों को नियुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि सभी जिम प्रशिक्षकों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए। चौहान ने कहा, 'अगर कोई महिला किसी पुरुष प्रशिक्षक से प्रशिक्षण लेना चाहती है, तो उसे लिखित सहमति देनी होगी।'

चौहान ने कहा कि आयोग को जिम में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की कई शिकायतें मिली हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दर्जी की दुकानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नाप लेने के लिए एक महिला दर्जी उपलब्ध हो, और लड़कियों को ले जाने वाली स्कूल बसों में अनिवार्य रूप से एक महिला कर्मचारी होनी चाहिए। उन्होंने कोचिंग सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी प्रस्ताव रखा। आयोग ने सभी जिलों को प्रस्ताव भेजा है।

हिमानी अग्रवाल ने पीटीआई को बताया कि आयोग बाद में राज्य सरकार से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध करेगा। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना ​​है कि इस तरह के पेशे में शामिल पुरुषों की वजह से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होती है। वे (पुरुष) गलत तरीके से छूने की कोशिश करते हैं।' 

उन्होंने कहा, 'कुछ पुरुषों की मंशा भी अच्छी नहीं होती है। ऐसा नहीं है कि सभी पुरुषों की मंशा खराब होती है।' अग्रवाल ने कहा कि अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और महिला आयोग बाद में कानून बनवाने के लिए प्रयास करेगा।