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शर्मनाकः मुस्लिम छात्र को टीचर ने दूसरे छात्रों से क्लास में थप्पड़ मारने को कहा

शर्मनाकः मुस्लिम छात्र को टीचर ने दूसरे छात्रों से क्लास में थप्पड़ मारने को कहा

देश में बढ़ रही नफरत की आग अब क्लासरूम में भी जा पहुंची है। सोशल मीडिया पर शुक्रवार से मुजफ्फरनगर (यूपी) का वीडियो वायरल है, जिसमें एक टीचर क्लास में एक मुस्लिम छात्र को दूसरे समुदाय के छात्रों से थप्पड़ मारने को कह रही है। छात्र नाबालिग हैं, इसलिए उनकी पहचान छिपाने के लिए उस वीडियो को सत्य हिन्दी पर नहीं दिया जा रहा है। बहरहाल, देशभर में इस घटना की निन्दा हो रही है। 

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक निजी स्कूल में एक शिक्षिका को कैमरे पर स्कूली बच्चों को एक लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहते हुए देखा गया। उसकी इस हरकत पर देश में भारी आक्रोश फैल गया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने वायरल वीडियो देखा है और शिक्षा विभाग से शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। लड़का मुस्लिम है। 

पुलिस ने कहा कि वो इस बात की जांच कर रही है कि क्या शिक्षक की हरकत सांप्रदायिक प्रकृति की थी। वीडियो में शिक्षक ने सांप्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसकी पुष्टि पुलिस ने भी की है। वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी के बारे में स्कूल के प्रिंसिपल, और एसपी सत्यनारायण प्रजापत ने भी पुष्टि की है। 

छात्र के पिता ने कहा है कि वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं और न ही इस मामले में कोई पुलिस कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने अपने बच्चे को स्कूल से हटाने का फैसला किया है। मुस्लिम छात्र के पिता का नाम इसलिए छिपाया जा रहा है, ताकि कोई उनके बेटे की पहचान न कर पाए।

पुलिस अधिकारी ने बयान में कहा, "स्कूल की उस टीचर ने कहा कि मुस्लिम बच्चों की माताएं जो अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती हैं, वे उनकी शैक्षणिक गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन हमने बेसिक शिक्षा अधिकारी को सूचित कर दिया है और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" .

वायरल वीडियो में टीचर को कहते हुए साफ सुना जा सकता है कि "मैं कह रही हूं न कि जितने भी मोहम्मडन बच्चे हैं..." टीचर ने मुस्लिम छात्र को बारी-बारी से मारने के लिए क्लास के बाकी छात्रों को थप्पड़ मारने के लिए एक के बाद एक बुलाया। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि छात्र बारी-बारी से अपने साथी छात्र को थप्पड़ मारने के लिए आते हैं। टीचर उन्हें "उसे और जोर से मारने" के लिए प्रोत्साहित करती भी नजर आती है। टीचर को एक छात्र को "उसकी कमर पर मारने" के लिए भी कहती देखी और सुनी जा रही है, जबकि वो छात्र पहले ही मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मार चुका था। नाबालिग बच्चों की पहचान छिपाने के लिए उनका वीडियो यहां नहीं दिया जा रहा है।


बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि शिक्षक और स्कूल प्रबंधन की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है।

लड़के के पिता ने संवाददाताओं से कहा कि वह स्कूल के खिलाफ पुलिस में कोई शिकायत नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने अपने बच्चे को अब इस स्कूल में नहीं भेजने का फैसला किया है। लड़के के पिता ने कहा कि स्कूल ने फीस वापस कर दी है और वह अब इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते।

इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने शुक्रवार देर रात किए गए ट्वीट में कहा- मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना - एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं - उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।

राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट किया है कि "मुजफ्फरनगर स्कूल का वीडियो एक दर्दनाक चेतावनी है कि कैसे गहरी जड़ें जमा चुके धार्मिक विभाजन हाशिए पर मौजूद अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं। मुजफ्फरनगर के हमारे विधायक यह सुनिश्चित करेंगे कि यूपी पुलिस खुद संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करे और बच्चे की शिक्षा बाधित न हो।" 

सोशल मीडिया पर मुजफ्फरनगर की स्कूल टीचर की मांग करते हुए लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। युवक कांग्रेस अध्य श्रीनिवास बी.वी. ने लिखा है- मुजफ्फरनगर का शर्मनाक वीडियो अगर हम सभी को एक इंसान होने के नाते अंदर से शर्मसार नही करता है तो हम वैचारिक रूप से मर चुके है। BJP का फैलाया केरोसिन और Media की लगाई 24/7 नफरती माचिस ने अपना काम कर दिया है। अब तय आपको करना है कि आप कब तक इंसानियत को शर्मसार होने देंगे।

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दक्षिण भारत के एक कॉलेज में वो घटना याद दिलाई है जब पिछले साल एक मुस्लिम छात्र को आतंकवादी बुलाने वाले शिक्षक पर लोग चुप रहे थे। लोगों ने लिखा है कि काश लोगों ने तब कड़ा विरोध किया होता तो शायद मुजफ्फरनगर जैसी घटना नहीं होती।

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